अफीम पर आफत, मुआवजे का नहीं प्रावधान, पट्टें कटने का डर
अफीम उत्पादन जिले में ओलावृष्टि ने अफीम काश्तकारों के लिए आफत खड़ी कर दी है। वर्तमान में अफीम निकालने का काम चल रहा है। डोडे पर चीरा लगाने के साथ अफीम निकालने का काम खेतों में चल रहा है। ओलावृष्टि से डोडे और अफीम के पौधें कई जगहों पर टूट गए है तो बड़ा नुकसान हुआ है। वहीं अफीम के डोडे से निकलता अफीम भी बारिश में धुल गया। लेकिन बड़ी विडबंना तो यह है कि अफीम पर नुकसानी पर राहत का मापदंड नहीं है। ऐसे में किसानों पर अब मार्फिन पूरी नहीं होने पर पट्टें कटने की तलवार लटक गई है। ऐसे में किसान परेशान हो रहे है। जिले में तीन खड़ों पर २० हजार से अधिक अफीम काश्तकार इस ओलावृष्टि से सीधे रुप से प्रभावित हुए है।
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कलेक्टर सहित अधिकारी पहुंचे खेतों में देखी किसानों की फसलें
लिंबावास.
फसल नुकसानी के कारण किसानों ने राहत की मांग की। ऐसे में गुरुवार को कलेक्टर गौतमसिंह सहित अन्य अधिकारी किसानों के खेतों में पहुंचे। जानकारी अनुसार लिंबावास, अड़मालिया, गोपालपूरा, बुढा, पीरगुराडिया, झार्डा सहित आसपास के क्षेत्र में अभी वर्तमान मे प्रत्येक किसानों कि रबी कि फसले पकने व कटने कि कगार पर है तो वही दो दिन के बदलते मौसम व ओलावृष्टी के चलते क्षेत्र में नुकसान भी हुआ है। कटाई तक आ पहुंची फसलों में बारिश से नुकसान हुआ है।
दो बिघा खेत मे खडे गेहु पूरी तरह से सो गए
किसान अमृतराम, कैलाश ने बताया कि हमने दो बिघा खेत में गेहुं की फसल कि बोवनी कर रखी थी जो कि अब पूरी तरह से पक कर तैयार हो चूकी थी और दो या चार दिन में फसल कि कटाई शूरू होने वाली थी कि अचानक मंगलवार को मौसम में परिवर्तन हुआ और बारिश हो गई। बुधवार की शाम को बारिश के साथ ओले गिरने कि वजह से खेत मे खड़ी सारी फसल पूरी तरह से खेतों सो गई। इसके चलते अब खेत में चलते अब कटाई करने मे भी काफी परेशानी होगी वही बताया कि विगत दिनों भी बार-बार बदलते मौसम से फसलों को अधिक नुकसान हुआ।
अफीम फसल में हुआ नुकसान, टूटे पौधे
किसान दशरथ, भागीरथ, पुखराज ने बताया कि वर्तमान में अफीम डोडे पर चीरा लगाने के साथ अफीम पर काम चल रहा था। ओलावृष्टि से पौधें और डोडे टूट गई। इससे बड़ा नुकसान हुआ। वही बताया कि बुधवार को दिन में जिन किसानों ने चिरा लगाया था ओऱ शाम को तेज बारिश ने सारे पौधोंको दूध को धो दिया। इसके चलते किसानों ने गुरुवार को लुहाई का कार्य रोक दिया। वही गुरूवार को दिन में तेज गर्मी को देख किसानो द्वारा खेतों मे जाकर अपनी अपनी फसलो को सुखाने में व्यस्त दिखें।
दो दिन कि तेज बारिश से कई खेत बने तालाब
मंगलवार से लेकर बुधवार तक बारिश के चलते कई किसानों के खेतों ने तालाबों का रूप तक ले लिया प्रकृति के इस कहर से किसानो को काफी नुकसान हुआ है। वही क्षेत्र में ओलावृष्टी से हुए नुकसान के चलते सरकार द्वारा सर्वे के निदेश देकर तुरंत सर्वे करने को कहा जिसको लेकर अधिकारियों द्वारा अलग अलग दल बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के खेतों में जाकर सर्वे कर मुहावजा देने को कहा गया।