scriptजो अपने कसायों, विकारों दोषो पर विजय पाता है वही मोक्षगामी बनता है | He who conquers his consorts, vices and defects becomes the liberator. | Patrika News

जो अपने कसायों, विकारों दोषो पर विजय पाता है वही मोक्षगामी बनता है

locationमंदसौरPublished: Sep 01, 2019 11:13:18 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

जो अपने कसायों, विकारों दोषो पर विजय पाता है वही मोक्षगामी बनता है

जो अपने कसायों, विकारों दोषो पर विजय पाता है वही मोक्षगामी बनता है

जो अपने कसायों, विकारों दोषो पर विजय पाता है वही मोक्षगामी बनता है


मंदसौर.
सहस्ताफणा पाश्र्वनाथ श्वेतांबर मंदिर आराधना भवन के हॉल में आयोजित धर्मसभा में संत मुनिराजसागर व पवित्ररत्नसागर ने शनिवार को भगवान महावीर को जन्मकल्याण के बाद के जीवन का वृतांत का श्रवण कराया। धर्मसभा मेें पवित्ररत्नसागर ने कहा कि प्रत्येक तीर्थकर के जीवन में पांच कल्याण होते है। चवर गर्भ, जन्म दिक्षा केवल ज्ञान व मोक्ष ये पांच कल्याण बताए गए है। प्रभु महावीर के जन्म के बाद उनके जीवन का वृतांत कल्पसुत्र के माध्यम से श्रवण कराते हुए कहा कि प्रभु महावीर ने भी राजसुखो का त्याग करते हुए सभी आभुषणो को त्याग कर स्वयं ही अपने केशलोच करते हुए दिक्षा ली।
राज परिवार ने जन्मे लेकिन उन्होंने ग्रामों व बनों में रहकर तप किया चिंतन अपनाया तथा बारह वर्षो तक कई ग्रामों व वनो में रहकर तप किया चिंतन अपनाया तथा बारह वर्षो तक कई गा्रमो व वनों में रहकर तप किया। प्रभु महावीर ने दिक्षा के बाद ही वस्त्र भी बा्रहण को दान दे दिए प्रभु महावीर का पुरा जीवन प्रेरणादायी है। राजकीय सुख सुविधाओ में पले बढे भगवान महवीर यदि चाहते तो अन्य राजाओं महाराजाओं की भांति वे भी भौतिक पदार्थो में जीवन व्यापन कर जीवन खपा देते लेकिन उन्होंने तप त्याग का मार्ग अपनाया। जीवन में जो भी त्याग करता है वह सदैव ही यश पाता है। पवित्ररत्नसागरज ने धर्मसभा में कहा कि प्रभु महावीर ने 27 वे भव में मोक्ष पाया। उन्होंने दिक्षा के साढे बारह वर्षो तक ग्रामों में चातुर्मास किया और तप किया। 30 वर्षो तक कई नागरियों व ग्रामों में देशाना देते हुए संयम जीवन का निर्वहन किया ं। लगभग 42 वर्षो के संयम जीवन के बाद उन्हे मोक्ष मिला।

3 को सवत्सरी का पारणा व क्षमापना महोत्सव होगा
प्रर्यूषण पर्व के क्षमापन अवसर पर 3 सितंबर को सुबह 6.30 बजे उपरांत दशरथ नगर मांगलिक भवन में संवत्सरी के उपवास करने वाले श्रीसंघ से जुडे परिवारों का सामूहिक क्षमापना भी करेगे। सवत्सरी पर्व 2 सितंबर सोमवार को मनायाा जाएगा। श्रीसंघ से जुडे परिवारों की महिलाओं का प्रतिक्रमण नई आबादी आराधना भवन मंदिर में हाल में व पुरूषों का दशरथ नगर मांगलिक भवन में शाम 4 बजे होगा।
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