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कागजों में डॉक्टरों की पदस्थापना कर बीमारों को ‘सेहतमंद कर रहा स्वास्थ्य विभाग’

locationमंदसौरPublished: Jun 11, 2022 02:38:34 pm

Submitted by:

Vikas Tiwari

७ डॉक्टरों की पदस्थापना की गई

mandsaur news

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मंदसौर.
जिले में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए शासन के द्वारा १७ डॉक्टरों की पदस्थापना की गई। लेकिन डॉक्टर छोटे गांवों में उपचार नहीं करना चाहते है। यही कारण है कि केवल ५० फीसदी डॉक्टरों ने अपनी पदस्थापना वाले केंद्रों पर ज्वाइन ही नहीं किया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ। यह हाल सात सालों में चौथी बार हुआ है। जानकारी के मुताबिक करीब ३० से अधिक डॉक्टरों ने अपनी पदस्थापना के बाद जिले में ज्वाइन नहीं किया है। इन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कई रिमाइंडर तो इन को ज्वाइनिंग के लिए दिए। लेकिन कोई सख्त कदम नहीं उठाने से यह सिलसिला लगातार जिले में चलते आ रहा है। जिससे जिले में डॉक्टरों की कमी दूर नहीं हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ माह पहले जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को कुछ हद तक दूर करने के लिए १७ नए डॉक्टरों की पदस्थापना की थी। लेकिन दो जून तक केवल नौ डॉक्टरों ने ही ज्वाइन किया। और फिर ज्वाइनिंग का समय पूरा हो गया। जिन ८ डॉक्टरों ने जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर ज्वाइन नहीं किया। उनको अब रिमांइडर देने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी निर्देश दे सकते है।
इन्होंने नहीं किया ज्वाइन
जानकारी के अनुसार डॉक्टर कालूसिंह भावसार, डॉक्टर महेंद्र पाल ङ्क्षसह डोडिया, डॉक्टर कमलेश कुमार, डॉक्टर तेजपाल ङ्क्षसह जादौन, डॉक्टर रिंकू शर्मा, डॉक्टर ज्योति ग्रेवाल, डॉक्टर मनीष शुक्ला और डाक्टर भावना भलावी ने अब तक ज्वाइन नहीं किया। इन सभी डॉक्टर में डॉक्टर भावना भलावी को छोडक़र सभी की ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना हुई थी। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण ज्वाइन नहीं किया।
कई डॉक्टरों ने किया मना
जिले में यह पहली बार नहंीं हुआ है कि डॉक्टरों की पदस्थापना हुई हो और उन्होंने ज्वाइन नहीं किया हो। इससे पहले भी तीन से चार बार ऐसा हो चुका है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने की कम इच्छा रहती है। जिसके कारण कई डॉक्टर ज्वाइन नहीं करते है। अब तक ३० से अधिक डॉक्टर ऐसा कर चुके है। कई डॉक्टर तो ऐेसे भी है। जो जिला अस्पताल में कार्य किया और फिर इस्तीफा देकर निजी क्लिनिक या अस्पताल खोल जिलामुख्यालय पर ही कार्य कर रहे है।
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