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एसी, एसटी का यथावत रहेगा तो ओबीसी में 50 से अधिक नहीं बाकी में मतदाताओं के आधार पर होगा वार्ड आरक्षण

locationमंदसौरPublished: May 22, 2022 03:12:34 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

एसी, एसटी का यथावत रहेगा तो ओबीसी में 50 से अधिक नहीं बाकी में मतदाताओं के आधार पर होगा वार्ड आरक्षण

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मंदसौर.
स्थानीय चुनावों में ओबीसी के आरक्षण पर सुप्रीम फरमान के बाद नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया होगी। इसकी तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व नगरीय प्रशासन विभाग के माध्यम से ओबीसी के नए फॉर्मूले के साथ आरक्षण प्रक्रिया होगी। दोनों ही विभागों ने वीसी के माध्यम से कलेक्टर को निर्देशित किया। इसमें आरक्षण प्रक्रिया पर मंथन हुआ। नए फॉर्मूले के तहत एसी, एसटी का आरक्षण यथावत रहेगा। लेकिन ओबीसी आरक्षण में यह भी ध्यान रखा जाएगा कि ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण ना हो। ऐसे में माना जा रहा है कि पंचायतों से लेकर निकायों में ओबीसी आरक्षण की संख्या में बढ़ोतरी होगी। वर्ष २०१९-२० में हुए आरक्षण के आधार पर ओबीसी फॉर्मूले वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। निकाय से लेकर पंचायतों में भी यहीं होगा। जिले की मंदसौर सहित १० निकायों के लिए २४ मई को तो पंचायतों के लिए २५ मई को आरक्षण प्रक्रिया होगी। जिला स्तर पर आरक्षण प्रक्रिया के बाद रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी।

मंदसौर में १० से बढ़कर १४ होंगे ओबीसी के वार्ड
वर्ष २०१९-२०२० में निकाय चुनाव को लेकर वार्ड आरक्षण हुआ था। आरक्षण की प्रक्रिया विभाग पूरी करवाता है और इसके बाद निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट देता है कि इस आधार पर चुनाव पूरे करवाकर उन्हें निर्वाचित सदस्य दिए जाएं। पूर्व में हुए आरक्षण के अनुसार मंदसौर नपा में ४० वार्डो में से १० वार्ड ओबीसी के थे नए आरक्षण में यह बढ़कर १४ हो जाएंगे। इसी तरह जिले की अन्य निकाय जिसमें मल्हारगढ़, पिपलियामंडी, नारायणगढ़, गरोठ, भानपुरा, सीतामऊ, सुवासरा, नगरी व शामगढ़ में १५-१५ वार्डो में ४-४ ओबीसी के आरक्षित वार्ड है। इनकी संख्या में भी १ से २ वार्ड के बढऩे की संभावना जताई जा रही है। वहीं नवगठित भैंसोदा नगर परिषद में अभी यह प्रक्रिया नहीं होगी।

२०१४ के आरक्षण पर हुआ था चुनाव, २०२० के आरक्षण में नहीं हुआ चुनाव
निकाय व पंचायतों में इससे पहले २०१४ में स्थानीय निर्वाचन को लेकर आरक्षण प्रक्रिया हुई थी। इसके बाद कार्यकाल पूरा होने और नए चुनाव होने को लेकर वर्ष २०२० में पंचायतों से लेकर निकायों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी की गई थी। लेकिन इस आरक्षण पर चुनाव नहीं हुआ और अब ओबीसी के नए फॉर्मूले के साथ फिर से आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होगी। इसमें २४ मई को मंदसौर सहित जिले की सभी १० निकायों में आरक्षण प्रक्रिया होगी तो २५ मई को १७ जिला पंचायत सदस्य समेत ११५ जनपद सदस्य व ६ हजार से अधिक पंच व ४६८ पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होगी।
ऐसा होगा ओबीसी फॉर्मूले के साथ आरक्षण
स्थानीय चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद निकाय व पंचायतों के लिए नए सिरे से ओबीसी फॉर्मूेले के साथ आरक्षण पूरा होगा। इसमें निकाय व पंचायतों में एसी, एसटी का आरक्षण तो यथावत रहेगा। वहीं ओबीसी में भी ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं देना है। ऐसे में सिर्फ जनसंख्या के मान से ओबीसी के आरक्षण ही बदलेगा लेकिन इससे ओबीसी आरक्षित वार्डो की संख्या में बदलाव होगा। जहां ओबीसी के वार्ड पहले से ज्यादा है तो वहां कम होगी और जहां मतदाताओं की संख्या के मान से ओबीसी वार्डो की संख्या कम होगी तो वहां वृद्धि होगी। यह बदलाव निकाय क्षेत्र में कम और पंचायत क्षेत्र में अधिक होना भी माना जा रहा है। यानी अनारक्षित वार्डो की संख्या में कुछ कमी होगी तो कुछ जगहों पर बढ़ोतरी भी संभव है। वर्ष २०२० में हुए आरक्षण को देखकर उस पर मंथन करने के बाद यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने तो जनसंख्या के मान से जिला प्रशासन को आरक्षण कैसे करना यह स्पष्ट फॉर्मूला देते हुए बताया है। वहीं पंचायत विभाग ने वीसी में समीक्षा कर नियमानुसार इसे करने की बात कही है।
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