मंदसौर में १० से बढ़कर १४ होंगे ओबीसी के वार्ड
वर्ष २०१९-२०२० में निकाय चुनाव को लेकर वार्ड आरक्षण हुआ था। आरक्षण की प्रक्रिया विभाग पूरी करवाता है और इसके बाद निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट देता है कि इस आधार पर चुनाव पूरे करवाकर उन्हें निर्वाचित सदस्य दिए जाएं। पूर्व में हुए आरक्षण के अनुसार मंदसौर नपा में ४० वार्डो में से १० वार्ड ओबीसी के थे नए आरक्षण में यह बढ़कर १४ हो जाएंगे। इसी तरह जिले की अन्य निकाय जिसमें मल्हारगढ़, पिपलियामंडी, नारायणगढ़, गरोठ, भानपुरा, सीतामऊ, सुवासरा, नगरी व शामगढ़ में १५-१५ वार्डो में ४-४ ओबीसी के आरक्षित वार्ड है। इनकी संख्या में भी १ से २ वार्ड के बढऩे की संभावना जताई जा रही है। वहीं नवगठित भैंसोदा नगर परिषद में अभी यह प्रक्रिया नहीं होगी।
२०१४ के आरक्षण पर हुआ था चुनाव, २०२० के आरक्षण में नहीं हुआ चुनाव
निकाय व पंचायतों में इससे पहले २०१४ में स्थानीय निर्वाचन को लेकर आरक्षण प्रक्रिया हुई थी। इसके बाद कार्यकाल पूरा होने और नए चुनाव होने को लेकर वर्ष २०२० में पंचायतों से लेकर निकायों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी की गई थी। लेकिन इस आरक्षण पर चुनाव नहीं हुआ और अब ओबीसी के नए फॉर्मूले के साथ फिर से आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होगी। इसमें २४ मई को मंदसौर सहित जिले की सभी १० निकायों में आरक्षण प्रक्रिया होगी तो २५ मई को १७ जिला पंचायत सदस्य समेत ११५ जनपद सदस्य व ६ हजार से अधिक पंच व ४६८ पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होगी।
स्थानीय चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद निकाय व पंचायतों के लिए नए सिरे से ओबीसी फॉर्मूेले के साथ आरक्षण पूरा होगा। इसमें निकाय व पंचायतों में एसी, एसटी का आरक्षण तो यथावत रहेगा। वहीं ओबीसी में भी ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं देना है। ऐसे में सिर्फ जनसंख्या के मान से ओबीसी के आरक्षण ही बदलेगा लेकिन इससे ओबीसी आरक्षित वार्डो की संख्या में बदलाव होगा। जहां ओबीसी के वार्ड पहले से ज्यादा है तो वहां कम होगी और जहां मतदाताओं की संख्या के मान से ओबीसी वार्डो की संख्या कम होगी तो वहां वृद्धि होगी। यह बदलाव निकाय क्षेत्र में कम और पंचायत क्षेत्र में अधिक होना भी माना जा रहा है। यानी अनारक्षित वार्डो की संख्या में कुछ कमी होगी तो कुछ जगहों पर बढ़ोतरी भी संभव है। वर्ष २०२० में हुए आरक्षण को देखकर उस पर मंथन करने के बाद यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने तो जनसंख्या के मान से जिला प्रशासन को आरक्षण कैसे करना यह स्पष्ट फॉर्मूला देते हुए बताया है। वहीं पंचायत विभाग ने वीसी में समीक्षा कर नियमानुसार इसे करने की बात कही है।