कोरोना के नए मरीज आ रहे तो इधर ८० लाख की आरटीपीसीआर पर ठोका ताला
-मानव संसाधन को नहीं थे तनख्वाह के रूपए तो बंद कर दी सेवाएं
मंदसौर
Published: April 28, 2022 03:44:48 pm
मंदसौर. कोरोना की पहली लहर में जब आरटीपीसीआर लेब नहीं थी। तो जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने लेब जिला अस्पताल संचालित हो। इसके लिए बहुत प्रयास किए और सफलता मिली। जिला अस्पताल में ८० लाख रूपए खर्च कर आरटीपीसीआर लेब स्थापित की गई। लेकिन अब इस लेब पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ही ताला ठोक दिया है। जबकि दूसरी और कोरोना के मरीज फिर से सामने आने लगे है। ऐसे में अब ना तो कोई जनप्रतिनिधि और ना ही कोई अधिकारी आरटीपीसीआर को फिर से शुरु करने की बात कह रहा है। ऐसे में ८० लाख रूपए की यूनिट होते हुए भी जांच सैंपल दिल्ली जा रहे है। और वहां से घंटों बाद रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को मिल रही है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दो मार्च को प्रभावी प्रबंधन के लिए जिलास्तर पर ३१ मार्च तक अस्थाई मानस संसाधन रखने की स्वीकृति प्रदान की गईथी। लेकिन उस समय ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा बजट की कमी बताई गई थी। जिसकेकारण मानव संसाधन नहीं रखे गए थे। ऐसे में मानव संसाधन की कमी के कारण ८० लाख रूपए की आरटीपीसीआर लेब पर ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ताला ठोक दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पांच दिनों में दो कोरोना के नए संक्रमित सामने आए है। इनमें एक ६५ वर्षीय व्यक्ति २२ अप्रेल का पॉजिटिव आया और एक और नया संक्रमित २६ अप्रेल को ५२ वर्षीय व्यक्ति सामने आया है। जिले में वर्तमान में दो एक्टिव केस है। मंगलवार को १७५ लोगों की रिपोर्ट आई । जिसमेंयह ५२ वर्षीय व्यक्ति पॉजिटिव आया है।
लेब हो शुरु तो बड़े जांच
जिले में फिर से कोरोना के मरीज सामने आने लगे है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फिर से जांच सैंपल लिए जा रहे है। लेकिन जांच सैंपल जितनी संख्या में विभाग को लेना चाहिए। उतनी संख्या में विभाग के द्वारा नहीं लिए जा रहे है। कुछ समय पहले विभागीय अधिकारियों ने प्रतिदिन ९०० जांच सैंपल के टारगेट की बात कही थी। और तीसरी लहर में करीब-करीब प्रतिदिन इतने ही सैंपल लिए जा रहे थे। लेकिन अब नए संक्रमित आने के बाद भ्जांच सैंपल बढ़ाए नहीं जा रहे है। २२ अप्रेल से लेकर अब तक यानिकी २६ अप्रेल तक इन पांच दिनों में कुल सैंपल की संख्या देखी जाए तो एक हजार भी नहीं होगी। ऐसे में यूनिट बंद होने के कारण स्वास्थ्य विभाग को दिल्ली आरटीपीसीआर लेब में सैंपल भेजे जा रहे है। और २४ घंटे में रिपोर्ट आ रही है। जबकि सुविधा जिला अस्पताल में ही है।
इनका कहना...
आरटीपीसीआर लेब बंद है। बजट का अभाव है। वर्तमान में दो एक्टिव केस है। दिल्ली आरटीपीसीआर लेब में सैंपल भेजे जा रहे है। और २४ घंटे में रिपोर्ट आ रही है।
डा केएल राठौर, सीएमएचओ।

कोरोना के नए मरीज आ रहे तो इधर ८० लाख की आरटीपीसीआर पर ठोका ताला
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