सियासी संकट के बीच किसानों के भावातंर की राशि के जख्म पर सरकार का बोनस का मरहम
सियासी संकट के बीच किसानों के भावातंर की राशि के जख्म पर सरकार का बोनस का मरहम

मंदसौर.
प्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच सरकार ने किसानों के भावांतर के जख्मों पर बोनस का मरहम लगाने का फरमान जारी किया। विधानसभा चुनाव के समय किसानों की सोयाबीन सरकार भावांतर भुगतान योजना में खरीद रही थी लेकिन उस समय से डेढ़ साल बीत चुका अब तक भावांतर की राशि किसानों को नहीं मिली।
भावांतर की राशि का इंतजार कर रहे किसानों को सरकार ने बोनस की राशि १ अप्रैल से देने का फरमान तो जारी किया है। इसमें जिले के किसानों को २० करोड़ से अधिक का बोनस तो मिलेगा लेकिन भावांतर की राशि का अब तक इंतजार है। कर्जमाफी और किसानों के मुद्दें को लेकर भाजपा ने सरकार को घेरा, वहीं पार्टी बदलने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिंया ने भी सरकार पर किसानों के मुद्दों को लेकर सवाल खड़े किए थे।
४४ हजार ४१० को भावांतर की राशि का इंतजार
वर्ष २०१८ में विधानसभा चुनाव के समय अक्टूबर-नवंबर के बीच भावांतर योजना में सोयाबीन ५०० रुपए के फ्लेट रेट पर खरीदी जा रही थी। जिले की ८ मंडियों में ४४ हजार ४१० किसानों ने भावांतर में अपनी सोयाबीन की उपज बेची। लेकिन प्रदेश की सरकार बदली तो अब तक किसानों को भावांतर की राशि का इंतजार ही करना पड़ रहा है। डेढ़ साल से अधिक समय बाद भी भावांतर की राशि भुगतान पर निर्णय नहीं हो पाया है।
जबकि मंडिया से लेकर विभागीय दफ्तरों में भावांतर भुगतान योजना के बड़े पोस्टर सीएम के फोटो के साथ लगे हुए है। सोयाबीन में भावांतर का इंतजार कर रहे किसानों को इस बार भी बाढ़ के कारण पूरी फसल नष्ट होने के कारण नुकसानी वहन करना पड़ी। किसानों का यह मुद्दा प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम की भी बड़ी वजह बना हुआ है। भाजपा ने लगातार सरकार को किसानों के मुद्दें पर घेरा है, फिर भी राशि का भुगतान नहीं हो पाया है।
२० करोड़ ८६ लाख जिले में मिलेगा बोनस
वहीं वर्ष २०१९ में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले जिले के २० हजार ७१४ किसानों को एक साल से बोनस में राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुरुप राशि का इंतजार था। अब १६० रुपए प्रति क्विंटल की यह बोनस राशि १ अप्रैल से दी जाना है। जिले के किसानों को बोनस की यह राशि २० करोड़ ८० लाख रुपए वितरित होगी। भावांतर की राशि का इंतजार कर रहे किसानों को सरकार ने एक साल बाद बोनस की राशि देने का एलान कर फोरी राहत दी है।
फैक्ट फाईल
भावांतर में सोयाबीन बेचने वालों की संख्या-४४ हजार ४१०
जिले की ८ मंडियों में भावांतर में बिकी सोयाबीन-९१८६.८९ क्विंटल
समर्थन पर गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या- २० हजार ७१४
बोनस की जिले के किसानों को मिलना है राशि- २० करोड़ ८६ लाख
शासन स्तर से होना है निर्णय
भावांतर भुगतान और बोनस का निर्णय शासन स्तर पर होना है। जिले में भावांतर और गेहूं खरीदी का पूरा रिकॉर्ड शासन को भेजा जा चुका है। राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जाएगी। -डॉ. एएस राठौर, उपसंचालक, कृषि
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