प्रदेश की बात करें तो दतिया में रतनगढ़ माताजी मंदिर में 1635 किलोग्राम का घंटा लगा है। महा घंटे के लिए साल 2017 में अभियान चलाया गया था। श्री कृष्ण कामधेनु संस्था द्वारा जिले में 150 यात्राओं के माध्यम से मंदसौर शहर और ग्रामीण इलाकों से तांबा पीतल जैसी धातु इकट्ठी कर इसका निर्माण कराया गया। भक्तों ने भी अपने घरों में पड़ी पुरानी धातुओं से बने बर्तन महा घंटा निर्माण के लिए दान में किया। इसके बाद गुजरात के अहमदाबाद में महा घंटे का निर्माण करवाया गया।
महा घंटे के बाहरी किनारे पर भगवान पशुपतिनाथ की आकृतियां उकेरी गई हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों महा घंटे का उद्घाटन करेंगे। इसी दिन सहस्त्र शिवलिंग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी।
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सहस्त्र शिवलिंग मंदिर के अजब संयोग
पशुपतिनाथ मंदिर परिसर के निकट बन रहे सहस्त्र शिवलिंग मंदिर में जितनी अद्भुत और दुर्लभ सहस्त्र शिवलिंग प्रतिमा है, उतना ही अजब संयोग भी इस मंदिर से जुड़ता जा रहे है। जहां मंदिर में प्रतिमा को स्थापित करने के लिए इंजीनियरों ने हार मान ली थी। वहीं, शहर के निरक्षर मकबूल खान ने बर्फ के टुकड़ों के साथ प्रतिमा को आसानी से स्थापित कर दिया था। अब महा घंटा लगाने के लिए जहां इंजीनियर और प्रशासन के अधिकारियों ने मना कर दिया था। दूसरी पास नाहरू भाई ने घंटे को स्थापित कर दिया। नाहरू भाई ने न सिर्फ महा घंटे को बेहतर ढंग से स्थापित किया, बल्कि इसे अब भक्त बजा भी पाएंगे।
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कलेक्टर ने कही ये बात
कलेक्टर गौतम सिंह ने भी इस पर हैरानी जताई है कि, महा घंटे को इस तरह स्थापित किया जाएगा कि, इसे श्रद्धालु बजा भी सकते हैं। इसके साथ ही मंदिर निर्माण में भी कई दिव्यांग कारीगरों ने अपनी सहभागिता निभाई है।