चल समारोह का विभिन्न राजनीतिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया। चल समारोह शहर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ गांधी चौराहे पर सभा में बदल गया। यहां वक्ताओं ने विहिप की स्थापना के उद्देश्य व कार्यो के बारे में बताया। वक्ताओं ने कहा कि श्रीकृष्ण ने निरंतर कर्म करने का संदेश भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में दिया है। कृष्ण ने पूरे समाज के लिए मित्रता और प्रेम का जो अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह आज भी अनुकरणीय है।
ग्वाला समाज ने निकाली शोभायात्रा, लगे जयकारें
फोटो एमएन २४०४ चल समारोह में शामिल महिलाएं।
फोटो एमएन २४०५ कृष्ण-राधा के नृत्य रहा आकर्षण का केेंद्र।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण ग्वाला गवली समाज एवं अभा ग्वाल महासभा द्वारा चल समारोह एवं कलश यात्रा निकाली गई। गाजे- बाजे और ढोल- ढमाकों के साथ गांंधी चौराहा स्थित हरदेवलाला मंदिर से प्रारंभ हुआ चल समारोह ६ घंटे तक शहर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरा।
फोटो एमएन २४०४ चल समारोह में शामिल महिलाएं।
फोटो एमएन २४०५ कृष्ण-राधा के नृत्य रहा आकर्षण का केेंद्र।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण ग्वाला गवली समाज एवं अभा ग्वाल महासभा द्वारा चल समारोह एवं कलश यात्रा निकाली गई। गाजे- बाजे और ढोल- ढमाकों के साथ गांंधी चौराहा स्थित हरदेवलाला मंदिर से प्रारंभ हुआ चल समारोह ६ घंटे तक शहर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरा।
शोभायात्रा में राधा-कृष्ण की रासलीला से लेकर अन्य चित्रों का वर्णन किया गया। जन्माष्टमी की संध्या में समाजजनों ने अपने घरों के आंगन में दीप जलाकर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई। समारोह में सबसे आग महिलाएं एक समान वेशभूषा में सिर पर कलश धारण किए चल रही थी। डीजे पर युवक- युवतियां, महिला- पुरूष बच्चे कृष्ण के भजनों पर नृत्य करते चल रहे थे। समाजजनों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा करीब ५० स्थानों पर चल समारोह का स्वागत कर शामिल समाजजनों को स्वल्पहार वितरित किया।