रमेशचंद्र गुप्ता ने आवेदन देकर शहर के मुख्य मार्ग पर एक-एक फीट के हो गए गड्ढों और सुधार के नाम पर इममें भरी जा रही मिट्टी की शिकायत कर समाधान की मांग की। आवेदक अपनी फरियाद अधिकारियों को सुना रहे थे। वहीं पहली, दूसरी और तीसरी पंक्ति में बैठे अधिकारी व कर्मचारी पूरे समय अपने मोबाईल और व्हाट्सअप में ही व्यस्त थे। कई अधिकारी ऐसे थे कि पूरी जनसुनवाई में उनका नाम ही नहीं आया तो वह अपने व्हाट्सअप पर ही व्यस्त रहे। नपा के एई जीएल गुप्ता से लेकर, आरटीटो के बाबू के साथ उद्योग विभाग के अलावा अनेक विभागों के अधिकारी यहां अपने मोबाईल में व्यस्त रहे और कलेक्टर भले ही गंभीरता से समस्या लोगों की सुन रहे हो, लेकिन इन अफसरों को इस जनसुनवाई से कोई सरोकार ही नहीं था।
10 आवेदन दिव्यांगों के आए
दिव्यांगों के लिए अलग से प्रथम तल पर जनसुनवाई के दौरान पहली बार व्यवस्था की गई। पिछले मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान आए दिव्यांगों की परेशानी को ७ अगस्त के अंक में पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद इस मंगलवार को दिव्यांगों के लिए कलेक्टर ने विशेष सुविधाएं यहां कराई। इसमें डिप्टी कलेक्ट संदीप शिवा, सामाजिक न्याय विभाग के आरके जोशी, एमएमएचओ कार्यालय के अलावा फिजियोथेरेपिस्ट लोकेंद्र चौधरी, मुकबधिर विशेषज्ञ सागर पटेल के अलावा अस्तिबाधित के विशेषज्ञ और साइकोलोजिस्ट को यहां बैठाया गया। इस दौरान १० दिव्यांगों ने आवेदन दिए। इन्हें प्रक्रिया पूरी कर मौके पर ही उपकरण प्रदान किए गए। मल्हारगढ़ तहसील के पेहड़ा गांव गोपाल सेन जो की पैरों से दिव्यांग है और गोपालपुरा के अमरसिंह को ट्रायसिकल दी गई। वहीं अफजल मंजूरी को दृष्टिबाधित है उसे चलने के लिए स्टीक दी गई। वहीं एक अन्य दिव्यांग को व्हीलचेयर भी दी गई। इस दौरान दिव्यांगों के लिए अलग से सुविधाजनक सुनवाई की प्रथम तल पर व्यवस्था के साथ उन्हें उपकरण दिए गए तो उन्हें चलने में असुविधा न हो और वह हॉल तक आसानी से पहुंचे इसलिए ट्रायसिकल भी रखी गई।
92 आवेदन आए
जनसुनवाई के दौरान कुल ९२ आवेदन आए। शुरु में एडीएम बीएल कोचले और जिला पंचायत सीईओ क्षितिज सिंघल ने जनसुनवाई ली। इसके बाद कलेक्टर मनोज पुष्प पहुंचे तो उन्होंने सुनवाई शुरु की। जिलेभर से यहां पहुंचे आवेदको ने आवास से लेकर पेंशन के अलावा रोजगार योजनाओं के लोन के साथ ही सामाजिक न्याय, पंचायत और बैंक केअलावा लोनिवि व राजस्व से जुड़ी समस्याओं को लेकर आवेदन दिए। कलेक्टर ने भी कुछ का मौके पर ही निराकरण कराया और कुछ वहां बैठे विभिन्न विभागों के अधिकारिेंयों को निराकरण के लिए दिए।