नाम जोडऩे के नाम पर चल रहा फार्म का खेल
ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि अब सूची में नाम नहीं जुड़ सकते है। और इसी बात का फायदा दलाल उठा रहे है। वे एक फर्जी फार्म जारी कर रहे है और उसके एवज में 100 रूपए ले रहे है। ऐसे नाम जुड़वाने की शिकायत करीब दो से ढाई हजार लोगों ने अभी तक जनसुनवाई में क ी है। जिनकी कुल राशि देखे तो करीब दो से ढाई लाख रूपए दलाल ले चुके है।
ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि अब सूची में नाम नहीं जुड़ सकते है। और इसी बात का फायदा दलाल उठा रहे है। वे एक फर्जी फार्म जारी कर रहे है और उसके एवज में 100 रूपए ले रहे है। ऐसे नाम जुड़वाने की शिकायत करीब दो से ढाई हजार लोगों ने अभी तक जनसुनवाई में क ी है। जिनकी कुल राशि देखे तो करीब दो से ढाई लाख रूपए दलाल ले चुके है।
अभी नहीं जुड़ सकता नाम
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार2011 की जनगणना के अनुसार सरकार द्वारा सर्वे करवाया गया था। उस सर्वे में जिन लेागों को पात्र माना गया था। उसके लिए प्रत्येक ग्रामवार सूची बनाई गई। यह सूची प्राथमिकता के आधार पर बनाई गई है। इस सूची के अनुसार ही जिला पंचायत को टारगेट दिया जा रहा है। उस सर्वे के अनुसार जिले के सभी हितग्राहियों के मकान बनेगें तब जाकर नई प्रक्रिया शुरु होगी।
सूची में नाम फिर लिए रूपए, हुई शिकायत
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार जिन लेागेंा के नाम सूची में है। उन हितग्राहियों से भी दलालों ने15 से 20 हजार रूपए लिए है। इस तरह की करीब10 से 15 शिकायतें हुई है। जबकि इस योजना मेंं किसी को रूपए देने की आवश्यकता ही नहीं है। जिनके नाम है उनके स्वत: ही राशि पास होगी और उनके मकान बनने की स्थिति भी समय-समय संबंधित अधिकारियों द्वारा ली जाएगी।
एफआईआर दर्ज कराने के दिए आदेश
जब इसकी जानकारी जिला पंचायत सीईओ को लगी तो उन्होंने तत्काल पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि यदि कोई भी ग्रामीण क्षेत्र का रहवासी इस तरह का फार्म लेकर शिकायत करने पहुंचे तो तत्काल एफआईआर दर्ज करें। ताकि संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। वहीं प्रत्येक ग्राम पंचायत में हितग्राहियों की सूची चस्पा करने के निर्देश दिए है। इस सूची में प्रत्येक हितग्राही के नाम है। लेकिन कई ग्राम पंचायतों मेंं सूची ही चस्पा नहीं है।
इनका कहना
ग्रामीण क्षेत्र में दलाल उन लेागों क ो फर्जी फार्म दे रहे है। जिनका योजना में मकान चाहिए। यह फार्म 100 रूपए में दे रहे है। करीब 2 से ढाई हजार शिकायत इस तरह की आई है। इन शिकायतों के बाद थाने में एफआईआर के लिए भी पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा है। इस योजना में अभी कोई नाम नहीं जुड़ेगें। सर्वे में बनी सूची में जिन हितग्राहियों के नाम है उन सभी मकान बनकर तैयार होगें तो उसके बाद नए नाम जुड़ेगें। प्रत्येक ग्राम पंचायत में अलग से पंजी रजिस्टर बना दिया है। जिसमें जिन लोगों को नाम जुड़वाना है वे लिखा सकते है। जिन लेागों के नाम इस सूची में है उनके नाम कोई भी नहीं कटवा सकता है।
आदित्य सिंह, सीईओ जिला पंचायत।