पहले तहसील से ही होता था, इसलिए यहां से मांगी जानकारी
आवेदन अभिभाषक विनोद साल्वी ने बताया कि इसकी प्रक्रिया तो अब बदली है। इसका संचालन पहले तहसील से ही होता था। और जानकारी भी उसी समय की मांग की थी। वर्ष २०१७ से लेकर मई- २०१८ तक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन में यात्रा पर जाने वाले लोगों की सूची वमांगी थी, लेकिन जानकारी नहीं दी, एक माह में जानकारी देने का नियम है, लेकिन दो माह बीत गए। मुझे जानकारी नहीं दी गई और मुझे बुलाकर यह पूछा की आपकी समस्या क्या है। वह बता दो। नियमों के तहत मैंने जानकारी के लिए आवेदन रजिस्ट्रर्ड डाक के द्वारा भेजा है। नई प्रक्रिया के तहत तो यदि कोई पहले यात्रा कर चुका है तो उसकी जानकारी स्वत: पता चल जाएगी। इसमें जो एक बार यात्रा कर चुका है। उसे दोबारा नहीं भेजा जा सकता है, लेकिन यहां कई ऐसे लोग है जो कई बार यात्रा इस योजना में जा चुके है और अपने चहेतों को इसमें भेजा जाता था। वास्तव में जो पात्र होकर इसके लिए आवेदन करता है। उसका कभी नाम ही नहीं आता है। इस प्रकार के कई मामले पहले सामने आई और सवाल भी उठे है। इसी स्थिति के कारण इसकी प्रक्रिया में संशोधन हुआ है और तहसील की बजाए इस जनपद व नपा के माध्यम से संचालित अब किया जा रहा है।
नपा व जनपद से होता है संचालन
तीर्थ दर्शन यात्रा का संचालन शहरीय क्षेत्र में नपा व गा्रमीण अंचल में जनपद करती है। तहसील से इस योजना का संचालन नहीं होता है। इस प्रकार का किसी आवेदन की जानकारी मेरे पास नहंी है, नहीं तो मैं आवेदक को इसके लिए उचित मार्गदर्शन देता। -ब्रह्मकुमार श्रीवास्तव, तहसीलदार