script15 फीसदी सडक़ हादसों में मौत का आंकड़ा बढ़ा फिर भी गंभीर नहीं जिम्मेदार | mandsaur accident news | Patrika News

15 फीसदी सडक़ हादसों में मौत का आंकड़ा बढ़ा फिर भी गंभीर नहीं जिम्मेदार

locationमंदसौरPublished: Apr 06, 2019 11:14:15 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

15 फीसदी सडक़ हादसों में मौत का आंकड़ा बढ़ा फिर भी गंभीर नहीं जिम्मेदार

patrika

15 फीसदी सडक़ हादसों में मौत का आंकड़ा बढ़ा फिर भी गंभीर नहीं जिम्मेदार

मंदसौर.
जिले में सडक़ दुर्घटनाओं के आंकड़े दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है। लेकिन इन सडक़ हादसों को रोकने को लेकर अभी तक सख्त कदम नहीं उठाए गए है। यही कारण है कि साल दर साल सडक़ हादसों की संख्या और उनमें मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती जा रही है। पुलिस विभाग केवल सडक़ सुरक्षा सप्ताह में जागरुकता का ढिंढोरा पीट कर जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेता है। तो प्रशासन बड़े हादसें के बाद केवल कुछ वाहनों पर कार्रवाई या फिर कुछ पुलियाओं पर रैलिंग लगाकर जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेता है। लेकिन अभी तक इन हादसों में कमी को लेकर जिले में कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है।

साल दर साल यूं बढ़ रहा आंकड़ा
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सन् २०१७ में जिले में कुल ४९६ सडक़ हादसें हुए। उनमें ५६४ घायल हुए। और १४५ की मौत हुई। सन् २०१८ में घायलों से लेकर मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। इस साल कुल ५७१ सडक़ हादसें हुए। और इसमें घायल होने वालों की संख्या ६४० तक जा पहुंची। इन हादसों में मरने वाली की संख्या १६५ तक हो गई। यानि कि करीब १४ से १५ फीसदी मौत का आंकड़ा बढ़ा।

तीन माह में बढ़ा सडक़ हादसों की संख्या
इस वर्ष जनवरी से लेकर मार्च तक जिले में गत साल से भी अधिक सडक़ हादसें हुए है। तीन माह में १४९ सडक़ दुर्घटनाएं हुईहै।और इन सडक़ हादसों में मरने वालों की संख्या ४३ है। व घायलों की संख्या १४४ है। इन हादसों की तुलना औसत के अनुसार की जाए तो २०१८ से ज्यादा दुर्घटनाएं हुई। और २०१७ से तुलना करें तो करीब २०र प्रतिशत अधिक दुर्घटनाएं हुईहै।

इनका कहना…
सडक़ हादसों को लेकर एक कमेटी गठित कर ब्लेक स्पॉट तय किए गए है। और दुर्घटनाओं में कमी आए इसको लेकर भी योजना बनाईहै।
मनकामना प्रसाद, एएसपी मंदसौर।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो