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बिना लगाम दौड़ रहा शहर में खुलेपानी का धंधा, देखने वाला कोईनहीं

locationमंदसौरPublished: Apr 16, 2019 12:05:58 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

बिना लगाम दौड़ रहा शहर में खुलेपानी का धंधा, देखने वाला कोईनहीं

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बिना लगाम दौड़ रहा शहर में खुलेपानी का धंधा, देखने वाला कोईनहीं

मंदसौर.
शुद्ध पानी की एक केन के लिए २० रुपए प्रतिदिन चुका रहे है, लेकिन शुद्धता के दावे के पीछे की सच्चाईक्या है। इसका जवाबदार कोई विभाग नहीं है। शहर में तेजी से बिना लगाम यह खुलेपानी का धंधा फल-फूल रहा हैऔर पानी का यह व्यापार अब शहर में पैर-पसार चुका है।
धड़ल्ले से पानी सप्लाईका काम बढ़ा है। मंदसौर शहर में करीब ३० पानी के प्लांट डल चुके है जो पूरे शहर में यह सप्लाई कर रहे है तो जिलेभर में ऐसे आरओ प्लांट की संख्या करीब १०० से है। इन केनों के माध्यम से प्रतिदिन आरओ प्लांट के संचालन १० से १५ हजार लीटर का पानी बेच रहे है। तो जिले में ५० से ६० हजार लीटर पानी रोज बिक रहा है। सेहत से जुड़े विभागों के पास भी इनकी जांच का अधिकार नहीं है। आमलोगों के इन प्लांट संचालको पर अंधे भरोसे पर यह काम चल रहा है। और व्यापार दिनोंदिन बढ़ रहा है।

भरोसे पर टिकी सेहत
जिस पानी के लिए २० रुपए चुकाए जा रहे है। वह पानी क्या वाकई शुद्ध है।इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। १५ लीटर की केन में ठंडे के साथ शुद्ध पानी के भरोसे लोग यह पानी ले रहे है। कार्यालयों से लेकर दुकानों और अब तक घरों तक यह आरओ का पानी पहुंचने लगा है। विभागों के अधिकार क्षेत्र से बाहर यह आरओ का पानी पीने में शुद्ध और देखने में तो साफ है, लेकिन सही में यह शुद्ध है। यह कोईनहीं जांचता। ऐसे में इन केनों को पानी पीने वाले लोगों की सेहत सिर्फ भरोसे पर कायम है। आरओ प्लांट डालने के साथ ही छोटी-छोटी लोडिंग गार्डियों में यह पानी पूरे शहर में सप्लाईकिया जा रहा है।

सिर्फ गुमास्ता तक सीमित जानकारी
शहर में आरओ प्लांट संचालक के अनुसार शहर में करीब ३० ऐसे प्लांट चल रहे है। लेकिन इन्हें किसी से अनुमति लेने या कही से लाइसेंस की जरुरत नहीं होती है। सिर्फ गुमास्ता के चलते श्रम विभाग में इन्हें जानकारी देना होती हैऔर फिर अपने हिसाब से यह पानी का कारोबार करते है। विडबंना तो यह है कि सरकारी तंत्र का कोई भी विभाग इसकी जांच नहीं करता।
पैकिंग वाला देखते है
पैकिंग वाला पानी देखते है। यह खुला पानी है। इसलिए यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।-कमलेश जमरा, खाद्य अधिकारी


देख सकते है
अधिकार क्षेत्रमें नहीं आता है।लेकिन शहर से जुड़ा होने के कारण इसकी गुणवत्ता को देख सकते है। -आरपी मिश्रा, सीएमओ
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