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रुला देगी मंदसौर के एक परिवार की ये दास्तां, जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद कोरोना से मां की मौत

locationमंदसौरPublished: Jun 14, 2020 07:56:29 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद मां की कोरोना से मौत, 18 मई को हुआ था दोनों बच्चों का जन्म अब कभी नहीं मिलेगा मां का प्यार

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मंदसौर. कोरोना के चलते देश के कई परिवार तबाह हो गए हैं उनकी खुशियां मातम में बदल गई हैं और ऐसी ही एक कहानी है मंदसौर के बांसखेड़ी गांव के रहने वाले एक परिवार की। गांव के रहने वाले गोविंद सिंह के परिवार पर कोरोना कहर बनकर टूटा और परिवार की खुशियां तबाह कर दीं। गोविंद की पत्नी संध्या की कोरोना से मौत हो गई है और मौत से कुछ दिने पहले ही संध्या ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था जो अब बिना मां के ही तमाम मुश्किलों के बीच बड़े होंगे। गोविंद भी क्वारेंटाइन हैं और दोनों दूध पीते बच्चों की जिम्मेदारी उनकी मौसी संभाल रही है।

 

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जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद गुजरी मां
गोविंद बताते हैं कि पत्नी संध्या को प्रसव पीड़ा होने पर वो उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें मंदसौर रैफर कर दिया गया। मंदसौर में संध्या का कोरोना टेस्ट हुआ और हालत बिगड़ने पर इंदौर रैफर कर दिया गया। इंदौर में 18 मई को संध्या ने दो जुड़वां बच्चों एक लड़का और एक लड़की को जन्म दिया लेकिन इसी बीच उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई और डॉक्टर्स ने दोनों बच्चों को मां से दूर कर दिया। गोविंद बच्चों को लेकर मंदसौर लौट आए और मौसी को सौंप दिया। पत्नी के पास वापस इंदौर पहुंचे तो उन्हें अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया, कोरोना का टेस्ट हुआ और नेगेटिव आने पर कुछ दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई। पत्नी को लेकर किसी तरह अपने गांव लौटे तो सरपंच ने गांव में एंट्री नहीं दी और क्वारंटीन सेंटर में रहने के लिए कहा, पत्नि संध्या को मंदसौर के पिपलिया मंडी के कोविड सेंटर में रखा गया जहां कुछ दिनों बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और वापस इंदौर ले जाना पड़ा जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई और संध्या आखिरी वक्त में अपने दोनों बच्चों का मुंह तक नहीं देख पाई।

मजबूरी के आगे बेबस पिता
पत्नी संध्या की मौत के बाद गोविंद बांसखेड़ी गांव में क्वारंटीन हैं और दोनों बच्चे मौसी के पास सिंधपन गांव में हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है पत्नी के इलाज के लिए गोविंद ने जमीन तक गिरवी रख दी थी, तो वहीं जो मौसी बच्चों की देखभाल कर रही है वह भी आर्थिक रूप से कमजोर है पति तलाक दे चुका है और बूढ़ी मां के साथ रहकर जैसे तैसे अपना पालन पोषण कर रही है। अब इस परिवार को सरकार से मदद की आस है।

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