मंदसौर. एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील पर हनुमंतिया की तर्ज पर गांधीसागर में 17 से 26 फरवरी तक झील महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चालू हो गई है। यह महोत्सव 10 दिन तक लगातार चलेगा। यहां हवा और पहाड़ों पर पर्यटक आनंद लेंगे। लेकिन वाटर स्पोट्र्स का आनन्द इस झील महोत्सव में पर्यटक नहीं ले पाएंगे। साथ ही यहां बने कोटेजों में रुकने के लिए पर्यटकों को मोटा किराया अदा करना पड़ेगा।
नहीं होंगे वाटर स्पोट्र्स
एडवेंचर के लिए गांधीसागर नंबर 3 वह 8 के बीच
हनुमान मंदिर के पास साफ -सफाई का कार्य किया जा रहा है। यहां कई तरह के खेल पैराग्लाइडिंग, हॉट एयर बलून जैसे आयोजन होंगे। लेकिन वाटर स्पोर्ट्स के लिए प्रशासन कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहा। प्रशासनिक अधिकारीयों का कहना है कि इस झील में मगरमच्छ का खतरा अधिक है। जिसके कारण ओपन वाटर स्पोर्टिंग जैसे बनाना राइडिंग, वाटर स्कूटर जैसे एडवेंचर नहीं होंगे। पयर्टक नौका विहार कर सकते है।
कोटेजों में रुकने के देना होंगे 4500 से 7000 रुपए
झील महोत्सव में गांधीसागर आने वाले पर्यटकों के लिए मोड़ी माता पर 25 कॉटेज बनाए गए, जो पूर्ण रूप से सर्वसुविधायुक्त है। कॉटेज इंचार्ज अतिश कोठारी ने बताया कि हमने 25 कॉटेज तैयार कर लिए हैं, यह कॉटेज टेंट के माध्यम से बनाए गए हैं। इसमें नीचे पलाई की शीट के साथ ही सोफा, बेड, चेयर, लेट बाथ व वॉशरूम रहेंगे। इसमें सिंगल बेड 4500 रुपए, डबल बेड 6000 रुपए व ट्रिपल बेड 7000 रुपए मय जीएसटी के रहेंगे, इसकी बुकिंग ऑनलाइन रहेगी। वहीं सेक्टर-8 पर झील महोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। भानपुरा से रामपुरा रोड पर नंबर 8 के धोबडा बेरियर के पास सिंचाई विभाग के समीप स्टेज बनाया जा रहा है। यहां पर कवि सम्मेलन, गीत, नाटक जैसे कई रंगारंग कार्यक्रम होंगे। वहीं पास ही फूड जोन तैयार किया जा रहा है। यहां पर अलग-अलग सभी व्यंजनों के स्टार लगेंगे।
इनका कहना…
पर्यटकों के एडवेंचर के लिए पैराग्लाइडिंग, हॉट एयर बलून जैसे खेल तो होंगे लेकिन ओपन वाटर स्पोट्र्स जैसे बनाना राइडिंग, वाटर स्कूटर जैसे एडवेंचर नहीं होंगे। झील में अधिक संख्या में मगरमच्छ है, ऐसे में पर्यटकों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते।
– आरपी वर्मा, एसडीएम गरोठ