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जमीन आवंटन ने मंडी के साथ किसानों की उम्मीद को दिया झटका

locationमंदसौरPublished: Feb 11, 2019 03:14:05 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

जमीन आवंटन ने मंडी के साथ किसानों की उम्मीद को दिया झटका

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जमीन आवंटन ने मंडी के साथ किसानों की उम्मीद को दिया झटका


मंदसौर.
शहर की कृषि उपज मंडी का प्रांगण छोआ पडऩे लगा है। यहां हर दिन किसान बाहर इंतजार करते नजर आते है। ऐसे में मंडी समिति ने नई जगह तलाश कर शहर में हाईटेक व मंडी का बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया। इसमें जमीन आवंटन ने किसानों के साथ मंडी की उम्मीदों का झटका दिया। जमीन का आवंटन हो तो प्रोजेक्ट की अन्य प्रक्रियाएं भी पूरी हो।
100 एकड़ जमीन पर करोड़ों की लागत से बनने वाली अत्याधुनिक मंडी के निर्माण के पहले आवंटन सहित विभागीय प्रक्रियाएं बड़ा अवरोध बन रही है। बड़े शहरों की हाईटेक सुविधाएं मंदसौर मंडी में जुटाकर यहां के किसान व व्यापारियों को राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय फोरम पर उपज का व्यापार करने की सुविधा देने वाला यह प्रोजेक्ट सरकार बदलने के साथ ही ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है ।

100 एकड़ की मंडी में पहले चरण में होना है 100 करोड़ का काम
जग्गाखेड़ी में मंडी ने इस नए प्रोजेक्ट के लिए करीब १०० एकड़ जमीन यानी २५० बीघा से अधिक जमीन देखी है। इसका आवंटन मंडी समिति को होगा। आवंटन के बाद प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा। इसमें पहले चरण में करीब १०० करोड़ का काम होना है। इसमें प्लेटफॉर्म से लेकर शेड, सीसी से लेकर बिजली, पानी के इंतजाम के अलावा गोदाम, ग्रेडिग मशीनों से लेकर पूरा नया हब बनाते हुए इसे हाईटेक रुप में विकसित किया जाएगा। जहां बंपर आवक के दौरान कभी जगह की समस्या न हो और किसानों से लेकर व्यापारी को माल लोड-अनलोड सहित कही पर भी किसी प्रकार की समस्या नहीं हो।

.. तो प्रदेश का दूसरा शहर बन जाएगा मंदसौर
प्रदेश में होशंगाबाद के पवारखेड़ा क्षेत्र में मंडी में ही रेलवे की लाईन को लाया गया। जिससे बड़े किसान सीधे अपना माल भेज सकते है और व्यापारी भी। यहीं परिकल्पना मंदसौर में मंडी के नए प्रोजेक्ट वाले स्थान के लिए भी है। मंदसौर में मंडी में बड़े पैमानें पर व्यापार होता है और कई बड़े किसान है तो कई छोटे किसान मिलकर भी यह कर सकते है। इसमें रेलवे को सिर्फ अपना किराया चाहिए होता है। वह चुकाते हुए और उनकी लागत देने के बाद रेलवे की लाईन को यहां लाया जा सकता है। जिससे किसान बड़े स्तर पर अपनी उपज का व्यापार कर सकें। जिस सोच के साथ यह प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा वह सही हुआ तो मंदसौर प्रदेश का ऐसी सुविधा वाला दूसरा शहर बन जाएगा। जमीन आवंटन के बाद रेलवे से पत्राचार सहित अन्य प्रक्रिया इसमें होगी।
यह होगा लाभ
हालांकि यह प्रोजेक्ट आगामी ५ से ७ सालों में पूरा होने की परिकल्पना है, लेकिन इसके बाद किसानों को सबसे बड़ा लाभ होगा। इसमें शहर की मंडी में हर दिन होने वाली जगह की समस्या भी नहीं होगी तो व्यापारियों को भी माल बाहर भेजने में यहां परेशान नहीं होना पड़ेगा तो हाईटेक मंडी विकसित होने के चलते कई नए काम भी यहां शुरु होगें। इससे रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे और किसान हो चाहे व्यापारी सीधे राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर यहां डलने वाले रेलवे लाईन के कारण व्यापार कर बेहतर लाभ कमा सकेंगे।

जमीन आवंटन के बाद बढ़ेगे आगे
अभी इसमें जमीन आवंटन का काम होना है। इसके बाद आगे बढ़ेगे। पहले चरण में १०० करोड का काम होना है। यहां तक रेलवे की लाईन लाने की भी इस प्रोजेक्ट में येाजना है। लॉजिस्टिक हब से लेकर सर्वसुविधायुक्त, अत्याधुनिक मंडी का निर्माण इसमें होना है। लेकिन जमीन आवंटन के बाद ही सभी प्रक्रिया शुरु होगी।-आरके वर्मा, ईई, मंडी

मामला दिखवाता हूं
जमीन आवंटन संबंधित मामले की जानकारी नहीं है। मंडी सचिव से जानकारी लेकर इस मामले में आगे कुछ कहा जा सकता है। कही अटका है तो उसे आगे बढ़ाया जाएगा। जमीन आवंटन सहित प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया करेंगे।-एसएल शाक्य, एसडीएम व भारसाधक अधिकारी

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