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प्रदेश की टॉप मंडी में अन्नदाता के स्वास्थ्य से खिलवाड़

locationमंदसौरPublished: Mar 24, 2019 09:14:54 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

प्रदेश की टॉप मंडी में अन्नदाता के स्वास्थ्य से खिलवाड़

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प्रदेश की टॉप मंडी में अन्नदाता के स्वास्थ्य से खिलवाड़

मंदसौर. प्रदेश की टॉप मंडियों में आंकी जाने वाली मंदसौर मंडी में अब किसानों का दम घुटने लगा है। क्योंकि लहसुन के व्यापारी मोटी कमाई के चक्कर में मंडी मेंं ही मशीनों के माध्यम से लहसुन की ग्रेडिंग करते हैं। जिससे दिनभर लहसुन का कचरा और धूल उड़ती रहती है। यही धूल किसानों से लेकर आमजन व मंडी में आवाजाही करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के नाक, मुंह में प्रवेश करती है। जिससे निश्चित ही लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं है।
बतादें की ३० हजार लहसुन के कट्टें की क्षमता वाली मंडी इन दिनों पूर्ण रूप से लहसुन के कचरे से पट चुकी है। पेयजल टंकी से लेकर किसानों के बैठने के लिए बनाए शेड तक लहसुन के कचरे से पट चुके हैं। हर चार कदम पर लगे लहसुन के ढेर से लहसुन मंडी कचरे की मंडी नजर आती है। क्योंकि मोटी कमाई करने के चक्कर में लहसुन के व्यापारी मंडी के अंदर ही लहसुन की भारी मात्रा में ग्रेडिंग करते हैं। जिससे दिनभर लहसुन का कचरा उड़ता रहता है।
२५० से अधिक व्यापारी, चार प्रकार से हो रही ग्रेडिंग
लहसुन मंडी में करीब २५० से अधिक व्यापारी है। जो प्रतिदिन सैंकड़ों क्ंिवटल लहसुन की खरीदी कर बड़े शहरों व अन्य प्रदेशों में लहसुन भेजते हैं। व्यापारियों द्वारा लहसुन को साफ सुथरा कर बाहर भेजा जाता है। ताकि किसानों से औने पौने दाम पर खरीदी गई लहसुन के अच्छे दाम मिले। इस कारण मंडी के अंदर ही अधिकतर व्यापारियों ने ग्रेडिंग का काम शुरू कर दिया है। कोई व्यापारी मशीन लगाकर, कोई पंखें के माध्यम से तो कोई सूपड़े तो कोई पंखें के माध्यम से लहसुन की ग्रेडिंग करवा रहे हैं। ताकि लहसुन के छिलके और धूल निकलने से लहसुन साफ और अच्छी किस्म की नजर आए। इस प्रकार व्यापारियों की मोटी कमाई के चक्कर में किसानों व आमजन का दम घुटने लगा है। क्योंकि अनवरत उड़ते कचरे से हर कोई परेशान है।
कचरे के ढेर के पास बैठना मजबुरी
-बलवंत सिंह, असावती, किसान, फोटो २३२०
हम लहसुन बेचने के लिए मंडी में आए। लेकिन यहां बैठने तक की जगह नसीब नहीं हो रही है। मजबूरी में कचरे के ढेर के पास बैठें हैं। क्योंकि गर्मी के दौरान तीखी धूप से बचने के लिए अन्य कोई जगह भी नहीं नजर आ रही है। मंडी में किसानों के बैठने के लिए जो जगह बनाई है, उसमें कहीं दो पहिया वाहन तो कहीं लहसुन का कचरा क्ंिवटलों से भरा पड़ा है। ऐसे में किसान की हालात पशुओं समान हो रही है। क्योंकि जहां पशु भी बैठना नहीं पसंद करते हैं। वहां किसान को बैठना पड़ रहा है।
दम घुटता है
-कालुसिंह भाटी, किसान, फोटो-२३२१
लहसुन के सफाई के दौरान उडऩे वाले कचरे से दम घुटने लगता है। प्याऊ के पास से लेकर बैठने की जगह तक सभी जगह लहसुन ही लहसुन का कचरा पड़ा है। यहां लहसुन सहित अन्य उपज बेचने के लिए दूर दूर से किसान आते हैं। लेकिन उन्हें सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। हमें बैठकर खाना भी खाना है। लेकिन उसके लिए कहीं साफ जगह नजर नहीं आ रही है।

साप्ताहिक हटवाते है कचरा
वैसे तो मंडी में प्रतिदिन रूटिन की सफाई होती है। साथ ही साप्ताहिक रूप से कचरा हटवाया जाता है। यह कचरा परसों नजर नहीं आएगा। -ओपी शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी मंदसौर
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