मंडियों में रखी उपज में हुआ अधिक नुकसान
जो किसान अपनी उपज लेकर मंडी में पहुंचे थे। उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके अलावा खेतों में सिर्फ निकलने वाली फसल को नुकसान है। इसके पहले हुई ओलावृृष्टि से किसानों को खासा नुकसान हुआ था, लेकिन मंगलवार को गिरे ओलो से फसल को ज्यादा नुकसान नहीं।
कहने को आदर्श, फसलों के लिए नहीं पर्याप्त इंतजाम
वैसे तो शहर की कृषि उपज मंडी आदर्श कही जाती है, लेकिन बंपर आवक के दौरान यहां तमाम व्यवस्था बिगड़ जाती है। किसान खुले पं्रागण में अपनी उपज के ढेर लगाने को यहां मजबुर है। आलम तो यह है कि बारिश आने की फसल को भीगने से बचाने के लिए भी यहां इंतजाम नहीं है।
3 लाख 76 हजार क्विंटल हो चुकी खरीदी
25 मार्चसे शुरु हुई समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी में जिले में अब तक सभी 62 केंद्रो पर हुई खरीदी मिलाकर 3 लाख 76 हजार क्विंटल की खरीदी हुई है। एसएमएस से लेकर अन्य मैपिंग की तमाम दिक्कतों के बाद बिना मेसेज से ही किसानों के गेंहू की खरीदी का काम किया जा रहा है। इसमें अब तक साढ़े तीन लाख हजार क्विंटल से अधिक गेंहू खरीदा जा चुका है। जिसका भंडारण भी जहां सोसायटियां व मंडियां यहां वहां से उठवाकर गोदामों में करवाया जा रहा है।
अधिकांश किसानों की फसल निकल गई
वर्तमान में जिले में अधिकांश किसानों की फसल निकल चुकी है। कुछ ही किसान है, जिनकी फसल कटी हुई है और निकलना बाकी है। खेतों में फसल खड़ी नहीं है। -डॉ. एएस राठौर, उपसंचालक, कृषि
पंचनामा बनाकर बीमा क्लेम करेंगे
बारिश से नुकसान नहीं हुआ है। गेंहू भीगा जरुर है। सभी व्यवस्थाएं सतत प्रक्रिया के तहत चल रही है। सभी संस्थाओं का बीमा है। यदि नुकसान होगा भी तो हम पंचनामा बनाकर बीमा क्लेम करेेंगे।-रोहीत श्रीवास्तव, डीएमओ, मंदसौर