रात तक चले बारिश के दौर में ढाई इंच का आंकड़ा पार हो गया। लेकिन इससे फसल का उत्पादन प्रभावित तो नहीं हुआ, लेकिन मंडी में उपज भीगने से इसकी क्वालिटी और इसके साथ दाम में जरुर फर्क आने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।समर्थन मूल्य केंद्रों पर तौल के बाद गीले हुए गेंहू की किसान की चिंता नहीं, फिर विभाग की जिम्मेदारी। हालांकि विभाग का दावा है कि इससे नुकसान नहीं है।बस थोड़ा गेंंहू भीगा जरुर है।
मंडियों में रखी उपज में हुआ अधिक नुकसान
जो किसान अपनी उपज लेकर मंडी में पहुंचे थे। उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके अलावा खेतों में सिर्फ निकलने वाली फसल को नुकसान है। इसके पहले हुई ओलावृृष्टि से किसानों को खासा नुकसान हुआ था, लेकिन मंगलवार को गिरे ओलो से फसल को ज्यादा नुकसान नहीं।
वर्तमान में अफीम से लेकर गेंहू सहित सभी उपज निकल कर किसानों के घरों में आ चुकी है। ऐसे में ओलो से फसल को नुकसान नहीं है। मंडियों में किसानों की फसल के लिए उचित इंतजाम नहीं होने के कारण वहां अधिक नुकसान इन्हें झेलना पड़ रहा है।
कहने को आदर्श, फसलों के लिए नहीं पर्याप्त इंतजाम
वैसे तो शहर की कृषि उपज मंडी आदर्श कही जाती है, लेकिन बंपर आवक के दौरान यहां तमाम व्यवस्था बिगड़ जाती है। किसान खुले पं्रागण में अपनी उपज के ढेर लगाने को यहां मजबुर है। आलम तो यह है कि बारिश आने की फसल को भीगने से बचाने के लिए भी यहां इंतजाम नहीं है।
मंगलवार को हुई बारिश ने बड़ी मात्रा में किसानों की उपज गेंहू से लेकर लहसुन और प्याज से लेकर अन्य सभी जिंसे पूरी तरह भीग गई। बुधवार को धूप खिली तो किसान प्रांगण में फैलाकर तो बर्तन से पलटी मारकर इन्हें सुखाते हुए यहां नजर आए। तो जिन किसानों का यहां प्याज भीगा था वह तो प्याज खराब होने के बाद मंडी में ही छोडक़र चले गए। मंडी में बुधवार का अवकाश था। ऐसे में दिनभर किसान यहां अपनी भीगी हुईउपज को ही सुखाने में लगे रहे।
3 लाख 76 हजार क्विंटल हो चुकी खरीदी
25 मार्चसे शुरु हुई समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी में जिले में अब तक सभी 62 केंद्रो पर हुई खरीदी मिलाकर 3 लाख 76 हजार क्विंटल की खरीदी हुई है। एसएमएस से लेकर अन्य मैपिंग की तमाम दिक्कतों के बाद बिना मेसेज से ही किसानों के गेंहू की खरीदी का काम किया जा रहा है। इसमें अब तक साढ़े तीन लाख हजार क्विंटल से अधिक गेंहू खरीदा जा चुका है। जिसका भंडारण भी जहां सोसायटियां व मंडियां यहां वहां से उठवाकर गोदामों में करवाया जा रहा है।
अधिकांश किसानों की फसल निकल गई
वर्तमान में जिले में अधिकांश किसानों की फसल निकल चुकी है। कुछ ही किसान है, जिनकी फसल कटी हुई है और निकलना बाकी है। खेतों में फसल खड़ी नहीं है। -डॉ. एएस राठौर, उपसंचालक, कृषि
पंचनामा बनाकर बीमा क्लेम करेंगे
बारिश से नुकसान नहीं हुआ है। गेंहू भीगा जरुर है। सभी व्यवस्थाएं सतत प्रक्रिया के तहत चल रही है। सभी संस्थाओं का बीमा है। यदि नुकसान होगा भी तो हम पंचनामा बनाकर बीमा क्लेम करेेंगे।-रोहीत श्रीवास्तव, डीएमओ, मंदसौर