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साढ़े नौ घंटे काम करवाकर सिर्फ दे रहे 180 रूपए और छुट्टी भी नहीं देते

locationमंदसौरPublished: May 22, 2019 09:28:32 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

साढ़े नौ घंटे काम करवाकर सिर्फ दे रहे 180 रूपए और छुट्टी भी नहीं देते

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साढ़े नौ घंटे काम करवाकर सिर्फ दे रहे 180 रूपए और छुट्टी भी नहीं देते

मंदसौर.
कृषि उपज मंडी में व्यापारियों के गोदामों में काम करने वाली महिलाएं एकजुट होकर अपनी मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर मंगलवार को सडक़ पर उतर गई। इस दौरान पहले तो मंडी गेट के बाहर धरना दिया। इसके बाद महू-नीमच मार्च पर चक्काजाम कर दिया। यहां पुलिस ने पहुंचकर जाम खुलवाया। तो फिर सभी महिलाएं नारे लगाते हुए मंडी कार्यालय पहुंच गई। महिलाओं ने मंडी कार्यालय का घेराव कर लिया और मजदूरी बढ़ाने की मांग की। करीब एक घंटे तक प्रदर्शन चला। इसके बाद सचिव ने आश्वासन दिया तो महिलाएं हटी। १ हजार महिलाएं लामबंद होकर मंडी दफ्तर पहुंची थी। रोडपर चक्काजाम के दौरान कुछ समय के लिए ट्रैफिक भी प्रभावित रहा।

मजदूरी बढ़ाने की मांग कर रही महिलाओं ने कहा कि अभी १८० रुपए प्रतिदिन के मान से उन्हें मिलते है। सभी महिलाओं को इसी अनुसार हर एक व्यापारी के यहां से भुगतान किया जाता है। उनकी मांग २५० रुपए की है। चुनाव पहले मांग की थी तो चुनाव बाद की कहा। इसीलिए यहां पहुंचकर अपनी मांग एकजुट होकर रखी। सुबह १० बजे से लेकर शाम ७.३० बजे तक लगातार व्यापारियेां के गोदामों में हम काम करते है। बावजूद अल्प मजदूरी के कारण परेशानी होती है। इसी से परेशान होकर अपनी मांग को रखा। कोईनहीं सुन रहा था। तो मंडी से बाहर निकलकर धरना और चक्काजाम कर घेराव किया।
१ जून के बाद का भरोसा मिला। नहीं बढ़ी तो फिर आंदोलन करेंगे। पहले तो मंडी अधिकारियों ने कहा कि मंडी के मजदूर नहीं है तो हम मजदूरी बढ़ाने की बात करें, यह व्यापारियों के यहां काम करती है, लेकिन जब महिलाओं का आक्रोश बढ़ता देखा और हंगामा देखा तो तत्काल व्यापारियों से बोलकर मजदूरी बढ़ाने का भरोसा देते हुए मामला शांत कराया।

चार दिन बाद खुली मंडी, सामान्य रही आवक
१७ मई को चुनाव के चलते मंडी में अवकाश कर दिया गया था। चार दिन बाद मंगलवार को मंडी खुली। लेकिन आवक सामान्य रही और कही पर भीड़ नजर नहीं आई। प्रांगण भी खाली रहा। मंगलवार को मात्र ३३ हजार बोरी ङ्क्षजसों की आवक रही तो सबसे अधिक १५ हजार जिंस लहसुन की थी। इसी कारण चार दिन बाद खुली मंडी के बाद भी व्यवस्था नहीं बिगड़ी। गर्मी के कारण आवक कम होना माना जा रहा है।

26 के बाद बोल देंगे
अभी आचार संहिता है। २६ को खत्म हो जाएगी। इसके बाद व्यापारियों को बोल देंगे। जो महिलाएं आई थी। वह मंडी की नहीं व्यापारियों के यहां काम करती है। और उन्हीं की मजदूर है। मजदूरी बढ़ाने की मांग लेकर आईथी। -ओपी शर्मा, सचिव, मंडी
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