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छलके जिले के जलस्रोत, बैराज और डेम, तालाब भी हुए लबालब

locationमंदसौरPublished: Jul 30, 2019 11:49:25 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

छलके जिले के जलस्रोत, बैराज और डेम, तालाब भी हुए लबालब

छलके जिले के जलस्रोत, बैराज और डेम, तालाब भी हुए लबालब

छलके जिले के जलस्रोत, बैराज और डेम, तालाब भी हुए लबालब

मंदसौर.
जुलाई माह में ही जिले के जलस्रोत पर्याप्त पानी आने से लबालब हो गए है तो कुछ छलक रहे है। डेम, बैराज ओवरफ्लो है तो तालाब आधेभर गए है। अभी जिले में औसत वर्षा से भी आंकड़ा बहुत पीछे है, लेकिन फिर भी जलस्रोतों में पानी लबालब हो चुका है। इससे किसान से लेकर हर वर्ग ने राहत की सांस ली। शहर की प्यास बुझाने वाले शिवना पर बने दोनों बैराज ओवरफ्लो है। ऐसे में नपा निश्चित है। गांधीसागर में भी पानी बढ़ रहा है। तो रेतम बैराज पिछले तीन दिनों से ओवरफ्लो है। ऐसे में स्टोरेज क्षमता के अनुसार जिले में स्थित इन जलस्रोतों में पानी जरुरत के मान से स्टोर हो चुका है। कई जगहों पर गेट खोल रखे है। अभी नदियों में पानी का फ्लो चल रहा है। अभी बारिश का समय बाकी है।

कालाभाटा भी ओवरफ्लो
शिवना नदी पर शहर की प्याज बुझाने वाले दोनों डेम रामघाट बैराज व कालाभाटा बैराज भी इन दिनों ओवरफ्लो चल रहे है। रामघाट बैराज तो नपा ने पूरा खोल रखा है तो कालाभाटा का एक गेट खोल रखा है। कालाभाटा की स्टोरेज क्षमता ३.९५ एमसीएमएम है। पूर्व में भी दोनों डेम ओवरफ्लो हो गए थे और तीन दिनों की बारिश में फिर से ओवरफ्लो हो गए है और नदी का जलस्तर भी बढ़ा है।

काका गाडगिल फूल, रेतम ओवरफ्लो
मंदसौर क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत करीब ७३ योजनाओं के तहत तालाब, बैराज, डेम व अन्य स्रोत है। जो वर्तमान में ५० प्रतिशत भर गए है। बैराज और डेम ओवरफ्लो चल रहे है। तालाब ५० प्रतिशत भर चुके है। रेतम बैराज की क्षमता २०.२४ घनमीटर पानी की है। जो पिछले तीन दिन से ओवरफ्लो चल रहा है और यहां गेट खुले हुए है। इसके अलावा काका गाडगिल डेम की क्षमता १०९.१० मिनीयन घनमीटर है। यह भी लबालब भर चुका है। बारिश के दौरान में सभी जलस्रोत इन दिनों लबाबल हो चुके है। इसके अलावा जलस्रोतों में लगातार वॉटर लेवल बढ़ रहा है।

3700 क्यूसेक की गति से बढ़ रहा गांधीसागर में पानी
गांधीसागर की स्टोरेज क्षमता १३१२ फीट है। वर्तमान में गांधीसागर में स्टोरेज १२६५.८८ फीट है और यहां पानी ३७०० क्यूसेक की गति से बढ़ रहा है। हालांकि पानी बढऩे की गति कम बताई जा रही है। लेकिन गांधीसागर में भी पानी का प्रभाव धीरे ही सही लेकिन लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा गांधीसागर डिवीजन के अन्य बांध व स्टॉपडेम सहित अन्य जलस्रोतों में भी स्टोरेज की क्षमता के ५० प्रतिशत पूरी हो चुकी है।

119 की क्षमता 57 एमसीएमएम स्टोरेज हुआ
रेतम के गेट तीन दिन से खुले है। पानी का प्रभाव कम होने से इसे लगाया जाएगा। जिले में ७२ लघु स्टोरेज योजना व रेतम की मध्यम स्टोरेज योजना है। इसमें ११९ एमसीएमएम स्टोरेज की स्टोरेज क्षमता है। इसमें वर्तमान में ५७ एमसीएमएम स्टोरेज हो चुका है। गेट खुलने के कारण पानी बह रहा है। इसे बाद में लगवाया जाएगा।-एसके वाघेला, इई, कार्यपालन यंत्री, जलसंसाधन विभाग
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