दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। वायरल वीडियो मंदसौर जिले के भावगढ़ थाना क्षेत्र के करजू गांव की है। वीडियो में एक महिला कमरे के अंदर को खुद को बंद कर गुरुवार को दोपहर दो बजे आग लगा लेती है। पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई। लेकिन पुलिस उसे बचाने के बजाए दरवाजे पर बैठ गई और किसी को अंदर भी नहीं जाने दिया।
तीन घंटे तक जलती रही महिला
बताया जा रहा है कि कमरे में विवाहित महिला करीब तीन घंटे तक जलती रही है। पुलिसवाले मूकदर्शक बनकर गेट पर बैठ गप्पे हांकते रहे। वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे भावगढ़ थाना प्रभारी आरसी गौड़ लोगों से समान्य तरीके से बात करते नजर आ रहे हैं। पुलिस द्वारा सूचित किए जाने के बाद जब एफएसएल की टीम वहां पहुंची तो पुलिसवालों से बोल पड़ी कि आप लोग आग तो बुझाइए। 22 वर्षीय महिला अपने पिता के घर पर थी। 2 वर्ष पूर्व ही उसकी शादी हुई थी।
बताया जा रहा है कि कमरे में विवाहित महिला करीब तीन घंटे तक जलती रही है। पुलिसवाले मूकदर्शक बनकर गेट पर बैठ गप्पे हांकते रहे। वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे भावगढ़ थाना प्रभारी आरसी गौड़ लोगों से समान्य तरीके से बात करते नजर आ रहे हैं। पुलिस द्वारा सूचित किए जाने के बाद जब एफएसएल की टीम वहां पहुंची तो पुलिसवालों से बोल पड़ी कि आप लोग आग तो बुझाइए। 22 वर्षीय महिला अपने पिता के घर पर थी। 2 वर्ष पूर्व ही उसकी शादी हुई थी।
एफएसएल अधिकारी के इंतजार में बैठे रहे
वहीं, लड़की के पिता का कहना है कि जैसे ही मुझे सूचना मिली कि बेटी ने घासलेट डालकर खुद को आग लगा ली है तो मैं तुरंत घर दौड़कर आया। उसके बाद पुलिस को बुलाया। पुलिस ने आने के बाद घर की खिड़की तोड़ लेकिन आग बुझाने के लिए मुझे अंदर जाने से रोक दिया। थाना से आए पुलिसवाले मंदसौर से एफएसएल अधिकारी के आने का इंतजार करते रहे। करीब तीन घंटे तक मेरी बेटी जलती रही लेकिन पुलिसवाले उसे बचा नहीं पाए। अगर समय रहते आग बुझाकर उसे अस्पताल ले जाते तो शायद वह बच सकती थी।
वहीं, लड़की के पिता का कहना है कि जैसे ही मुझे सूचना मिली कि बेटी ने घासलेट डालकर खुद को आग लगा ली है तो मैं तुरंत घर दौड़कर आया। उसके बाद पुलिस को बुलाया। पुलिस ने आने के बाद घर की खिड़की तोड़ लेकिन आग बुझाने के लिए मुझे अंदर जाने से रोक दिया। थाना से आए पुलिसवाले मंदसौर से एफएसएल अधिकारी के आने का इंतजार करते रहे। करीब तीन घंटे तक मेरी बेटी जलती रही लेकिन पुलिसवाले उसे बचा नहीं पाए। अगर समय रहते आग बुझाकर उसे अस्पताल ले जाते तो शायद वह बच सकती थी।
एफएसएल की अधिकारी आई तब बुझी आग
इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे घटना स्थल पर मौजूद पुलिस बेफिक्र होकर बैठी थी। जब एफएसएल की महिला अधिकारी चंदा आंजना पहुंची तो पुलिसवालों को बोलीं कि पहले आग तो बुझाइए। उसके बाद पुलिस ने आग बुझाने की कवायद शुरू की। लेकिन जब तक विवाहिता की मौत हो चुकी थी।
इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे घटना स्थल पर मौजूद पुलिस बेफिक्र होकर बैठी थी। जब एफएसएल की महिला अधिकारी चंदा आंजना पहुंची तो पुलिसवालों को बोलीं कि पहले आग तो बुझाइए। उसके बाद पुलिस ने आग बुझाने की कवायद शुरू की। लेकिन जब तक विवाहिता की मौत हो चुकी थी।
लापरवाही से इनकार कर रही है पुलिस
पुलिस की लापरवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस मामले पर पुलिस अधिकारी बोलने से कतरा रहे हैं। वहीं. एसडीओपी ब्रजभूषण चौधरी का कहना है कि जब तक वह पहुंचे, तब तक लड़की की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल ले जाए जा चुका था। जहां तक उन्हें जानकारी है, कोई लापरवाही नहीं बरती गई ,लेकिन यदि ऐसी कोई बात सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
पड़ोसी ने यह कहा
पड़ोसी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि दोपहर 2:00 बजे के लगभग घर से धुआं उठते हुए देखा तो लोग घर की तरफ आए। झांक कर देखा तो अंदर बालिका जल रही थी। केरोसिन की बदबू भी आ रही थी। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई भावगढ़ से थाना प्रभारी टीम के साथ आ गए थे, उन्होंने खिड़की तोड़वाई लड़की को जलता देख उन्होंने कुछ नहीं किया और बाहर बैठ गए किसी को अंदर जाने नहीं दिया। लगभग 4:45 बजे जब अधिकारी आई तो आग बुझाई गई तब तक लड़की जलती रही।
पड़ोसी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि दोपहर 2:00 बजे के लगभग घर से धुआं उठते हुए देखा तो लोग घर की तरफ आए। झांक कर देखा तो अंदर बालिका जल रही थी। केरोसिन की बदबू भी आ रही थी। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई भावगढ़ से थाना प्रभारी टीम के साथ आ गए थे, उन्होंने खिड़की तोड़वाई लड़की को जलता देख उन्होंने कुछ नहीं किया और बाहर बैठ गए किसी को अंदर जाने नहीं दिया। लगभग 4:45 बजे जब अधिकारी आई तो आग बुझाई गई तब तक लड़की जलती रही।