जिले में अनुमानित तौर पर ४७८ फीडर है।इनमें से औसत रुप से एक दर्जन से अधिक फीडर पर प्रतिदिन बिजली की ट्रिपिंग होना सामने आया है। पिछले दिनों मौसम बदलने के दौर में जब तेज हवा चली तब बिजली ट्रिपिंग की समस्या अधिक बढ़ गई।उस दौरान अधिकांश फीडर में ट्रिपिंग हुई थी। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बिजली ट्रिपिंग का आंकड़ा औसत रुप से ५० प्रतिशत से भी कम विभाग बता रहा है। यानी पिछले साल जितनी हुई उसके अपेक्षा इस वर्ष ५० प्रतिशत से भी कम हुई।
खूब चला मेटनेंस पर अब निकाल रहे गली
मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के जिले में करीब ४७८ फीडर है। तो उपग्रिड भी है। जिले से लेकर विकासखंड और हर ग्रिड पर पिछले दो से ढाई माह तक कंपनी ने लगातार मेटनेंस किया और मेटनेंस के नाम पर दो से चार व पांच घंटे तक कटौती की। गांव से लेकर शहर में भी मेटनेंस हुआ।
हर बार दीपावली के पहले तो बारिश से पहले मेटनेंस विभाग द्वारा किया जाता है और इसके नाम पर कटौती भी खूब होती है। मेटनेंस के बाद भी लगातार ट्रिपिंग होना विभागीय जांच में बड़ी लापरवाही सामने आई है, लेकिन अब इससे बचने के लिए गली निकालते हुए यह बताया जा रहा हैकि मेटनेंस नहीं हो पाया। इसके कारण ट्रिपिंग हो रही थी तो कभी आंधी तुफान तो कही पेड़ गिरने से लेकर फाल्ट होने के कारण भी समस्या हो रही थी। मेटनेंस के काम जिले में ख्ूाब चला लेकिन अब कार्रवाई हुई तो गली निकालते हुए अलग-अलग वजह बताकर गली निकालने की कोशिश की जा रही ह
हर माह होता हैसुधार
ट्रिपिंग पर हर साल व हर माह सुधार होता है। विधानसभा से लेकर लोकसभा की आचार संहिता के अलावा अन्य कई कारणों के साथ मेटनेंस नहीं हो पाने के कारण ट्रिपिंग जैसी स्थिति बनी है। हालांकि पिछले साल से इस बार ट्रिपिंग ५० प्रतिशत से भी कम हुई है।-डीएस चौहान, एसी, मंदसौर