ऊर्जा विभाग की और से भी बिजली कंपनी को सिंचाई व घरेलु फीडर का मेंटनेस बेहतर करने के निर्देश मिले है। जिससे मानसून में लोगों को कटौती का दंश नहीं झेलना पड़े। वहीं दूसरी और वर्तमान में जिले में चल रहे मेटनेंस के बीच तय समय से अधिक समय कटौती होने से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
मीटर पर एप से रखी जा रही निगाह
खराब मीटर से उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी पर कंपनी ने विशेष फोकस करते हुए एक एप बनाया है। इस एप के जरीए पूरे जिले में हर जगह पर लगे हुए मीटर का सर्वेकराया जा रहा है। इसमें लोकेशन से लेकर ऊंचाई से लेकर लगने और मीटर से जुड़ी सभी जानकारी उस एप पर डाली जाएगी।
खराब मीटर से उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी पर कंपनी ने विशेष फोकस करते हुए एक एप बनाया है। इस एप के जरीए पूरे जिले में हर जगह पर लगे हुए मीटर का सर्वेकराया जा रहा है। इसमें लोकेशन से लेकर ऊंचाई से लेकर लगने और मीटर से जुड़ी सभी जानकारी उस एप पर डाली जाएगी।
किस हाल में है और मापदंडों पर कैसा होना चाहिए। पूरा सर्वे होने के बाद सभी खराब पाए जाने वाले और तकनीकि गड़बडिय़ों वाले मीटरों को एक साथ बदला जाएगा। तो रुटिंग में मीटर बदलने की प्रक्रिया में भी नया नियम आया है। इसमें अब तक राशि समायोजित होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खराब की शिकायत पर उपभोक्ता का मीटर तत्काल बदला जाएगी। जिले में २ से ४ हजार मीटर हर माह खराब होने पर बदले जाते है। पर इस प्रक्रिया को अब और अपडेट करते हुए सुविधा देने का काम कंपनी ने दिया। बताया जा रहा हैइस प्रक्रिया में एक लाख से अधिक मीटर जिले में बदले जाएंगे।
मेटनेंस पर भी फोकस
ऊर्जा विभाग ने कंपनी को इस बार स्पष्ट निर्देश दिए है कि मानसून के पूर्व घरेलु सभी फीडर और खरीफ का सीजन आने से पहले सभी सिंचाई वाले फीडर का मेटनेंस बेहतर ढंग से होना चाहिए। इसमें कही पर भी औपचारिकता नहीं चाहिए। कम से कम ट्रिपिंग व कटौती हो। उपभोक्ताओं को कही पर भी कटौती नहीं झेलना पड़े। नहीं तो उस क्षेत्र की अधिकारी व कर्मचारियों की इसकी जवाबदारी होगी।
ऊर्जा विभाग ने कंपनी को इस बार स्पष्ट निर्देश दिए है कि मानसून के पूर्व घरेलु सभी फीडर और खरीफ का सीजन आने से पहले सभी सिंचाई वाले फीडर का मेटनेंस बेहतर ढंग से होना चाहिए। इसमें कही पर भी औपचारिकता नहीं चाहिए। कम से कम ट्रिपिंग व कटौती हो। उपभोक्ताओं को कही पर भी कटौती नहीं झेलना पड़े। नहीं तो उस क्षेत्र की अधिकारी व कर्मचारियों की इसकी जवाबदारी होगी।
मेटनेंस चल रहा है
मेटनेंस का काम चल रहा है। मीटर बदलना सतत प्रक्रिया है, लेकिन एप के जरीए सभी मीटर की लोकेशन ले रहे है। इसके बाद बदलेंगे। विभाग ने खरीफ फसल से पूर्व सिंचाई और घरेलु सभी फीडर का बेहतर तरीके से मेटनेंस के निद्र्रेश दिए है। जो चल रहा है।-एसके सूर्यवंशी, डीई, मंदसौर
मेटनेंस का काम चल रहा है। मीटर बदलना सतत प्रक्रिया है, लेकिन एप के जरीए सभी मीटर की लोकेशन ले रहे है। इसके बाद बदलेंगे। विभाग ने खरीफ फसल से पूर्व सिंचाई और घरेलु सभी फीडर का बेहतर तरीके से मेटनेंस के निद्र्रेश दिए है। जो चल रहा है।-एसके सूर्यवंशी, डीई, मंदसौर