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वित्तीय अनियमितताओं में अधिकारी सहित शाखा प्रभारियों पर गिर सकती गाज

locationमंदसौरPublished: Jan 23, 2019 09:12:28 pm

Submitted by:

Vikas Tiwari

वित्तीय अनियमितताओं में अधिकारी सहित शाखा प्रभारियों पर गिर सकती गाज

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मंदसौर.
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कमियों को लेकर जिला पंचायत सीईओ आदित्य ङ्क्षसह गुरुवार को कार्रवाई करने के लिए प्रतिवेदन भेजेंगे। इसकी संभावनाएं जताई जा रही है। इससे पहले जिला शिक्षा अधिकारियों सहित शाखा प्रभारियों ने नोटिस जारी किए गए थे। जिनके द्वारा स्पष्टीकरण दे दिया गया है।
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार १० और ११ तारीख को जिला पंचायत सीईओ द्वारा गठित जांच दल ने जांच की थी। जिस पर एक रिपोर्ट जांच दल ने तैयार की थी। जांच दल ने जो रिपोर्ट सौंपी थी। उसमें बताया था कि 104 सेवानिवृत्त शिक्षकों के स्वत्तवों का भुगतान वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 अनुसार नहीं किया गया है। इसके अलावा अनुकंपा नियुक्ति के २० आवेदन लंबित है। वहीं अध्यापक संवर्ग के 56 संकुलों मे कुल 3816 अध्यापकों का छटवा वेतन पारित कर भुगतान किया जाना था। जिसमे 19 संकुलों से मात्र 583 अध्यापकों के सेवाअभिलेख जिला कार्यालय में प्राप्त किए गए है वेतन संबंधित आदेश 2017 के है। 735 सेवकों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमोन्नती के प्रस्ताव लङ्क्षबत है। हाई स्कूल एव उमावि के 53 प्राचार्यों में से मात्र 10 प्राचार्यों का सातवां वेतन पारित किया गया है सेवाअभिलेख अद्यतन नहीं किए गए। वहीं अधिक वेतन पाने वाले सेवकों के वसूली आदेश पारित नहीं किए गए। आरएमएस अंतर्गत 23 लाख की राशि लेप्स हो गई। शाला उन्नयन के लिए प्राप्त हुई थी। इसके अतिरिक्त वित्तीय अनियमितताएं भी है।
इनका कहना…
जिला शिक्षा अधिकारी के मामले में जल्द की कार्रवाई का प्रतिवेदन भेजा जाएगा।
आदित्य ङ्क्षसह, जिला पंचायत सीईओ।
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संकुल प्राचार्यों की तनख्वाह पर निकलने से पहले लगेगें जिला पंचायत सीईओ की मुहर
संकुल प्राचार्यो की तनख्वाह निकालने से पहले अब जिला पंचायत सीईओ की अनुमति लेना अनिवार्य कर दी गई है। इस तरह का एक आदेश कलेक्टर धनराजू एस ने निकाला है। यह निर्णय १७ जनवरी को जिला पंचायत में आयोजित संकुल प्राचार्यों की बैठक के बाद जिला पंचायत सीईओ आदित्य सिंह के द्वारा कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट के बाद लिया गया। अब इस नए आदेश में पहले जिला पंचायत सीईओ संकुल प्राचार्यों की माह भर का पूरा देखेगें उसके बाद वेतन पर अपनी अनुमति देगें।

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