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अधिकारियों की उदासीनता के चलते टारगेट से कोसो दूर स्वास्थ्य विभाग

locationमंदसौरPublished: Feb 05, 2019 09:38:21 pm

Submitted by:

Vikas Tiwari

अधिकारियों की उदासीनता के चलते टारगेट से कोसो दूर स्वास्थ्य विभाग

मंदसौर.
राष्ट्रीय कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते टारगेट से कोसो दूर विभाग है। जब अधिकारियों से टारगेट पूरा करने को लेकर पूछा जाता है तो वह केंप लगाकर टारगेट पूरा करने की बात कह रहे है। लेकिन यह संभव नहीं है। क्यों कि ३१ मार्च तक विभाग को करीब ढाई हजार से अधिक ऑपरेशन करना है। ऐसे में इस वर्ष भी टारगेट विभाग पूरा नहीं कर पाएगा।
सबसे कम मल्हारगढ़ ब्लॉक ने किया टारगेट
सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार विभाग को इस वर्ष आठ हजार ऑपरेशन का टारगेट दिया गया था। इसमें धुंधडका ब्लॉक को १८३० जिसमेंं १०८७ किया गया। मंदसौर जिला अस्पताल को ९०० जिसमें ४०२ किया गया। मंदसौर ब्लॉक को २७३० जिसमें १४८९ ऑपरेशन किए गए। मल्हारगढ़ ब्लॉक को १२२० जिसमें ५३६ ऑपरेशन किए गए। सीतामऊ ब्लॉक को १६६० जिसमें ११०५ ऑपरेशन किए गए। गरोठ ब्लॉक केा १५०० में से १०३०, भानपुरा ब्लॉक को ८९० में से ७८३ ऑपरेशन किए। ्र
६३ ऑपरेशन २४ घंटे में करना अनिवार्य
जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा ८ हजार टारगेट के एवज में ४ हजार ५८१ ऑपरेशन किए है। अब शेष बचे ५४ दिनों में विभाग तीन हजार १९ ऑपरेशन करना अनिवार्य है। ऐसे में प्रतिदिन ६३ ऑपरेशन विभाग करता है। तो टारगेट पूरा होगा। लेकिन अधिकारी स्वयं ही इस बात को स्वीकार भी कर रहे है कि टारगेट पूरा नहीं हो सकता है।
इनका कहना..
अधिक से अधिक कार्य करने का प्रयास किया जाएगा। कैंप भी लगाए जाएंगे।
डॉ महेश मालवीय, सीएमएचओ।
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मंदसौर
गरोठ का शासकीय चिकित्सालय अव्यवस्थाओं का केंद्र बनता जा रहा है। प्रभारियों के भरोसे संचालित हो रहे सिविल अस्पताल के अधिकारियों को किसी भी प्रकार से अपनी जवाबदारी का एहसास नहीं है जिसका खामियाजा अस्पताल में आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण मंगलवार को अस्पताल में दिखाई दिया, जहां पर सायंकाल की शिफ्ट में अस्पताल में महिला चिकित्सक बैठकर मरीजों को देखकर दवाइयों की पर्चियां लिखती रही परंतु दवा वितरण केंद्र आधे घंटे पूर्व ही बंद हो गया जिसके कारण मरीज इंतजार करते रहे आखिरकार दवा वितरण केंद्र नहीं खुल पाया। जिसके कारण कई मरीजों को बिना दवाई लिए ही लौटना पड़ा।सूचना मिलने पर दवा वितरण केंद्र पर ड्यूटी दे रहे कर्मचारी से बात की गई है जिस पर उसने स्पष्टीकरण दिया है कि महिला चिकित्सक अस्पताल के पीछे के हिस्से में मरीजों को देख रही थी तय समय पर ही दवा वितरण केंद्र को बंद किया गया है उस समय कोई भी दवा लेने के लिए नही खड़ा था।काउंटर बंद होने के बाद यह मरीज दवाइयां लेने आये होंगे।फिर भी शिकायत के आधार पर संबंधित कर्मचारी को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा तथा भविष्य में इस प्रकार से लापरवाही ना करने हेतु निर्देशित किया जाएगा।ष्
डॉण् आरपी कुकडे बीएमओ गरोठ
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