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हत्या का प्रयास करने के आरोपी को ५ वर्ष का सश्रम कारावास
मंदसौर
सत्र न्यायाधीश तारकेश्वर सिंह द्वारा आरोपी शाकिर उर्फ शकूर राणा निवासी मंदसौर को धारा 307 भादवि के तहत् ५ वर्ष सश्रम कारावास एवं ५ हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 25 (1-बी) (बी) आयुध अधिनियम के तहत् एक वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रूपए अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड न अदा करने पर एक वर्ष एवं दो माह के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किए जाने का आदेश दिया है।
लोक अभियोजक विकास कुमार बोहोरा के अनुसार 31 मार्च 2018 को रात नौ बजे के लगभग फरियादी अख्तर उर्फ भूरिया घण्टाघर पर खड़ा था। उसी समय अभियुक्त वकील और शकूर राणा ने पुरानी रंजिश के चलते फरियादी अख्तर उर्फ भूमिया पर चाकू से हमला कर जान से मारने का प्रयास किया। जिसकी सूचना थाना शहर कोतवाली पर प्राप्त होने पर शहर कोतवाली द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान पूर्णकर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन ने अपनी ओर से साक्षियों के कथन कराएं। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्षियों के कथनों एवं प्रकरण में समग्र साक्ष्य के विवेचन तथा अभियोजन के तर्को से सहमत होकर यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी शाकिर उर्फ शकूर राणा का अपराध धारा 307 भादवि एवं धारा 25 25 (1-बी) (बी) आयुध अधिनियम के तहत् दोषसिद्ध पाए जाने से सश्रम कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
हत्या का प्रयास करने के आरोपी को ५ वर्ष का सश्रम कारावास
मंदसौर
सत्र न्यायाधीश तारकेश्वर सिंह द्वारा आरोपी शाकिर उर्फ शकूर राणा निवासी मंदसौर को धारा 307 भादवि के तहत् ५ वर्ष सश्रम कारावास एवं ५ हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 25 (1-बी) (बी) आयुध अधिनियम के तहत् एक वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रूपए अर्थदण्ड तथा अर्थदण्ड न अदा करने पर एक वर्ष एवं दो माह के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किए जाने का आदेश दिया है।
लोक अभियोजक विकास कुमार बोहोरा के अनुसार 31 मार्च 2018 को रात नौ बजे के लगभग फरियादी अख्तर उर्फ भूरिया घण्टाघर पर खड़ा था। उसी समय अभियुक्त वकील और शकूर राणा ने पुरानी रंजिश के चलते फरियादी अख्तर उर्फ भूमिया पर चाकू से हमला कर जान से मारने का प्रयास किया। जिसकी सूचना थाना शहर कोतवाली पर प्राप्त होने पर शहर कोतवाली द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान पूर्णकर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन ने अपनी ओर से साक्षियों के कथन कराएं। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्षियों के कथनों एवं प्रकरण में समग्र साक्ष्य के विवेचन तथा अभियोजन के तर्को से सहमत होकर यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी शाकिर उर्फ शकूर राणा का अपराध धारा 307 भादवि एवं धारा 25 25 (1-बी) (बी) आयुध अधिनियम के तहत् दोषसिद्ध पाए जाने से सश्रम कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया है।