उलझन में अन्नदाता तो विभाग में बैठे अधिकारी भी
पूर्व की सरकार ने सोयाबीन-मक्का पर प्रोत्साहन राशि देना तय किया था। इसमें विधानसभा चुनाव से पहले शुरु हुआ खरीदी का दौर चुनाव पूरे होने के एक माह बीतने के बाद भी चलता रहा। और अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद भी राशि नहीं मिली और कब मिलेगी यह भी नहीं पता। ऐसे मेें किसान इस असंमजस्य में ही कि उनकी राशि मिलेगी या नहीं।कृषि से लेकर मंडी के अधिकारियों से इस पर पूछने पर सिर्फ इतना कहा कि अभी राशि नहीं मिली और कब मिलेगी। इसकी तिथि अभी तय नहीं है।
जिले की 8 मंडियों सहित उपमंडी में हुई खरीदी
मंदसौर के अलावा जिले में दलोदा, पिपलियामंडी, सुवासरा, शामगढ़, भानपुरा, सीतामऊ, गरोठ और मल्हारगढ़, बोलिया की उपमंडियों में भी इस योजना के तहत सरकार ने भावांतर पर तय किए गए फ्लैट रेट पर सोयाबीन की उपज खरीदने का काम किया। किसानों ने सोयाबीन बड़ी मात्रा में किसानों ने बेची है। जिले में मंदसौर में १९ हजार ३२३ किसानों ने ३०७७३४.९८ क्विटल सोयाबीन बेची। इसी तरह पिपलियामंडी में ९ हजार ७९६ किसानों ने १३४२१८ क्विटंल सोयाबीन, सुवासरा में ३ किसान ५४४ किसानों ने ६३०६९.२ क्विटंल सोयाबीन, शामगढ़ में ९ हजार ८७६ किसानों ने १५७०२९.०७ क्विटंल सोयाबीन, भानपुरा में २ हजार ७५४ किसानों ने ४२६९१.७८ क्विटंल सोयाबीन, गरोठ में ३ हजार ३१५ किसानों ने ५१५४५.९ क्विटंल सोयाबीन, दलोदा में १० हजार ४४७ किसानों ने १४४२४२ क्विटंल सोयाबीन, सीतामऊ में ५ हजार ६२० किसानों ने १०३३५४ क्विंटल सोयाबीन बेची है। इस तरह कुल जिले में ६४ हजार ६७३ किसानों ने १००३८८४.९३ क्विंटल सोयाबीन बेची है। जिन्हें अब फ्लैट रेट पर भावांतर में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का इंतजार है।