सुबह से रात तक पानी के लिए लगा रहता है जमघट
सुबह चार बजे से ही नलकूप पर ग्रामीणों की भीड़ लग जाती है तो रात ११ बजे तक जमा रहती है। दूर-दूर से ग्रामीण यहां आने को मजबूर हो रहे है। नलकूप के अलावा ग्रामीण एक से लेकर ३ किमी की दूरी तय कर अपने कुआं से पानी ला रहे है। टंकी व पाईप लाईन का ठेका भी दिया गया जो कि टंकी व नगर मे पाईप लाईन व नल कनेक्सन भी दिए किए। करीब ४ माह हो गए। वही टंकी का कार्य भी पूरा हो चूका है बावजूद लेटलतीफी का ऐसा आलम छाया हुआ है कि न टंकी में पानी है और लगे हुए नलों में भी नहीं है। इसी कारण पूरा गांव पानी के लिए परेशान होकर जलसंकट झेल रहा है।
गहराईसे रस्सी से खींच रहे हैपानी
गांव के इसमाईल, आबित, समीर, कालु, कमल, शकिल, शेहजाद, आरिफ ने बताया गांव में कई सालो से पानी कि समस्या है। गांव में हैंडपम्प व नलकूप हैै लेकिन गर्मी में यह भी साथ छोड़ देते है। हैंडपंप तो बंद पड़े है। इसी कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुओं में जलस्तर नीचे जा चुका है और रस्सी से बहुत गहराई से पानी खींचना पड़ता है। बावजूद अब तक ग्रामीणों की समस्या के लिए जिम्मेंदार लोगों ने गंभीरता नहीं दिखाई।
पाईप लाईन में पानी की जगह दौड़ रहे चूहे
गांव की महिला कारीबाई, सलमा बी, बिलकिस, गीता बाई, कोशल्या बाई, नुरजहा, बगदीबाई, पार्वती बाई ने बताया कि गांव मे पानी कि अधिक परेशानी है। करीब 7 महीने पहले नगर से करिब दो किमी दूरी पर विधायक निधी द्वारा पानी कि टंकी एव गांव मे पाईप लाईन कि स्वीकृति हुई। टंकी बनकर तैयार भी है और पाईप लाईन भी डल चुकी है। पर इस लाईन में पानी की जगह चूहे दौड़ रहे है। चार माह बीत गए पर टंकी में पानी और पाईप लाईन में भी पानी नहीं आया है। लाईन डालने के दौरान गांव में कईजगह से सीसी रोड़ खोदा गया। कई जगहों पर रास्ता उबड़ खाबड़ हो गया है।
हर बार मिलता हैआश्वासन
पानी की टंकी बन गई है और पानी भी नगर में जल्द ही सप्लाय किया जाएगा। ऐसा आश्वासन ग्रामीणों को दिया। लेकिन इंजीनियर ध्यान नहीं दे रहे है तो इसमे मैं क्या कर सकता हूं। मैने कई बार बोला है हर बार यहीं जवाब मिलता है कि हां करते है। -कमल सूर्यवंशी, सरपंच
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