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अगले साल मिलेगा मंदसौर को चंबल का पानी

locationमंदसौरPublished: Apr 06, 2019 11:26:37 am

Submitted by:

Nilesh Trivedi

अगले साल मिलेगा मंदसौर को चंबल का पानी

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अगले साल मिलेगा मंदसौर को चंबल का पानी

मंदसौर.
जिस चंबल के पानी का मंदसौर इंतजार कर रहा है।वह और बढऩे वाला है। इस साल चंबल का पानी शहर को नहीं मिलेगा। अगले साल वह भी सबकुछ ठीक रहा और समय पर काम पूरा हो गया तो २०२० में मंदसौर की प्यास चंबल बुझा पाएगी। लेटलतीफी के कारण यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो पाया।
इस कारण इस बार भी गर्मीमें शहर को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। ५३ करोड की प्रोजेक्ट की राशि है, लेकिन लगातार हो रही देरी और अब तकनीकि पहलुओं में हुए संशोधन के कारण इस प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ गई है।ऐसे में इसकी स्वीकृति के लिए फिर नपा को शासन के पास जाना पड़ेगा। अनुमतियों के साथ शासन से मंजूरी मिलने के अलावा बचा हुआ काम होने में ६ से ८ माह से अधिक का समय लग जाएगा।
शहर में स्थाई जलापूर्ति के इंतजाम के लिए अमृत योजना में ५३ करोड़ की योजना पर काम शुरु हुआ। लेकिन लेटलतीफी और अनदेखी के कारण इसमें बहुत देर हो गई और अब लागत भी करीब ड़ेढ से दो करोड़ तक की बढ़ गई है।

नपा की आपत्ति के बाद शासन ने किया इंटकवेल अप्रु
कोल्वी नदी पर गलत बने हुए इंटकवेल का रास्ता तो तीन लेयर में डाले जा रहे पोर्ट के रुप में निकाला है। ५३ करोड़ की जलापूर्ति योजना में इंटकवेल ही गलत बनाया गया। और इससे भी बड़ी विडबंना तो यह है कि नपा की तकनीकि टीम ने इस पर मौखिक व लिखीत आपत्ति ली तो तत्कालीन समय के जनप्रतिनिधियों ने भी पत्र शासन को लिखें। लेकिन शासन ने गलत इंटकवेल को अप्रु कर दिया। इंटकवेल नदी के किनारें से लगे हुए बनाए जाते हैजिससे की पानी का प्रवाह सही हो, लेकिन यहां दूरी पर बनाया गया है।

इन कारणों के कारण चंबल के पानी के लिए बढ़ा इंतजार
कोल्वी में चंबल पर जहां इंटकवेल बनाया जा रहा है। वहां पर पोर्ट का काम चल रहा है। जो तीन लेयर में होगा। इसके बाद पंप स्टॉलेशन और फिनिशिंग होना है। तो एमपीईबी की २२ किमी की विद्युत लाईन के अलावा कोल्वी में पॉवर सब स्टेशन बनना है। जो प्रोजेक्ट के समय ४ किमी की डलना थी, लेकिन अब बढ़ गई है। इससे प्रोजेक्ट में ड़ेढ़ करोड़ से अधिक की लागत बढ़ रही है। इसकी मंजूरी शासन से नपा को लेना होगी। वहीं रेलवे क्रॉसिंग की रेलवे से अनुमति नहीं मिली है।
इसकी प्रक्रिया अभी भी चल रही है। लोनिवि ने अनुमति जरुर दी है। एमपीआरडीसी से भी अनुमति लेना है। अनुमति के साथ इन सभी को राशि भी जमा करना है। अनुमति के बाद यहां पाईप लाईन का काम होगा। यह सब पूरा होने के बाद चंबल का पानी मंदसौर आ सकेगा और फिर शहर में करीब डेढ़ करोड़ लागत से पाईप लाईन बिछाने का काम भी किया जाना है। वर्तमान में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी है तो फिर नपा के उपचुनाव भी होना है। ऐसे में इन तमाम कारणों में लगने वाले समय के चलते ही चंबल का पानी मंदसौर अगले साल तक ही आ पाएगा।
6 माह का लगेगा समय
चंबल योजना में तकनीकि बिंदु के कारण देरी हुई है। ६ माह में योजना का काम पूरा होगा।अंतिम दौर का काम बचा हुआ है। पहले ४ किमी से विद्युत लाईन लाकर सब स्टेशन बनाना था। जो अब २२ किमी से लाईन डालकर लाना है। इसमे प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ रही है। इन्हीं कारणों से स्वीकृति के लिए शासन के पास भेजा जाएगा। -आरपी मिश्रा, सीएमओ

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