पिछले दिनों पत्रिका ने केंद्रों की स्थिति की पड़ताल की थी। इसके बाद भी अब तक केंद्रों की और विभाग ने अब तक रुख नहीं किया है और न हीं किसानों के लिए सुविधा उपलब्ध कराई है। पानी पीने से लेकर छाया में बैठने तक की समस्या केंद्रों पर आ रही है। जिले में ६४ केंद्रों बनाए गए है। यहां सभी जगह एक सी स्थिति है। सभी केंद्रों पर अलग-अलग समस्या किसानों को वहन करना पड़ रही है।
पोर्टल पर नहीं कोई ऑप्शन उपलब्ध
रबी विपणन वर्ष 2019-20 में पंजीकृत कृषकों के ऋण प्रविष्टि का ई.उपार्जन पोर्टल पर कोई ऑप्शन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में गेहूं उपार्जन केंद्र द्वारा पंजीकृत किसानों के किसी भी ऋण की जानकारी ई.उपार्जन पोर्टल पर नहीं की जा सकती है। किसानों द्वारा अपनी उपज को बेचने के बाद उन्होंने किसी भी बैंक से या सोसाइटी से ऋण ले रखा है, तो ई.पोर्टल पर किसी प्रकार का ऋण काटने का कोई भी ऑप्शन नहीं है। पंजीकृत किसान बिना चिंता के केंद्रों पर पहुंचकर अपनी उपज बेच सकता है। किसी भी प्रकार ऋण इन केंद्रों के माध्यम से नहीं काटा जाएगा। इसे सभी गांव जहां पर खरीदी केंद्र को लेकर पंजीकृत किसानों को समस्या है। उन सभी पंजीकृत किसानों के लिए नजदीकी खरीदी केंद्र प्रारंभ कर दिए हैं।
बिना मेसेज के होगी खरीदी नहीं कटेगा ऋण
जिला आपूर्ति अधिकारी ज्योति जैन ने विभाग की और से सूचना जारी करते हुए बताया कि अपने खरीदी केंद्रों पर पहुंचकर किसान अपनी गेंहू की उपज उपार्जन केंद्र पर बेचे। मेसेज नहीं आए तो भी उसकी उपज खरीदी जाएगी।मेसेज नहीं आने की स्थिति में परेशान होने की जरुरत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उपर्जान केंद्रों पर किसी भी प्रकार से किसानों का ऋण नहीं काटा जाएगा। जिले में बनाए गए सभी 6 4 खरीदी केंद्र पर जाकर अपनी उपज किसान समर्थन मूल्य पर बेच सकता है।