अब नपा इसे फेर में उलझ गई है कि अभिननंदन मेन में बनने वाली उद्यान में जहां गड्ढें भी खोदे जा चुके है और वहां निजी का दावा है और दस्तावेज भी देखें तो अब अमृत योजना में वह कैसे स्थान चयन करें और स्थान चयन भी करें तो फिर जहां स्थान चयन हुआ। उस वार्ड और जगह के इस काम को कहा शिफ्ट करें। इसी कारण अब नपा में इसे लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।
पार्षद ने शिकायत में उठाए सवाल
पार्षद लिखीता गौैैड़ ने पिछले दिनों इसी मामले को लेकर सीएमओ को शिकायत की। इसमें अमृत जैसी योजनाओं में अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल किए है। शिकायत में बताया कि जब कॉलोनी बनी तो कॉलोनाईजर ने भूमि को किसी चीज के लिए रिक्त किया था। और रिक्त किया है तो यह फिर कैसे बेची जा सकती है। और फिर यदि यह निजी भूमि है तो पिछले कई सालों से रिक्त पड़ी है।
इन सबके बाद भी जब नपा ने यहां उद्यान का इस योजना में प्लान बनाया तब से लेकर टैंडर से लेकर वर्कऑर्डर होने और गढ्डे खोदे जाने तक क्यों दस्तावेज नहीं देखे। पूरा प्लान तैयार होने तक तकनीकि अमला क्या कर रहा था। क्या यह सीधे-सीधे अधिकारियेंा की लापरवाही नहीं है। ऐसे लापरवाह अधिकारियेंा पर पार्षद ने सीएमओ से कार्रवाई की मांग की है और उद्यान के काम को गति देने की मांग की थी।
दादा-दादी पार्क में सामने आए निजी जमीन
तैलिया तालाब के समीप १ करोड़ से अधिक की लागत का नपा दादा-दादी पार्क बनवा रही है। इसमें भी आधा काम होने के बाद निजी जमीन होने का मामला उठा तो काम बंद हो गया। भूमि स्वामी ने अपनी भूमि होने का दावा किया। फिर सीमाकंन हुआ। एक नहीं दो बार भूमि का सीमाकंन किया गया। इसके बाद निजी जमीन सामने आई तो नपा को बैकफूट पर आना पड़ा। हालांकि इस मामले का नपा अब तक निकाल नहीं निकाल पाई है और दादा-दादी पार्क अब तक अधूरा ही है।
लिखा है टीएनसीपी को
टीएनसीपी को लिखा है। पूरे में मामले जमीन की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकेगा।अभी काम बंद है। स्थान चयन और परिर्वतन का मामला शासन स्तर का है।-आरपी मिश्रा, सीएमओ