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दुधाखेड़ी माताजी मंदिर की एफडी में जालसाजी करने वाला लिपिक गिरफ्तार

locationमंदसौरPublished: Apr 11, 2019 02:58:53 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

दुधाखेड़ी माताजी मंदिर की एफडी में जालसाजी करने वाला लिपिक गिरफ्तार

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दुधाखेड़ी माताजी मंदिर की एफडी में जालसाजी करने वाला लिपिक गिरफ्तार

मंदसौर.
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की बाबुल्दा शाखा में दुधाखेड़ी माताजी मंदिर की प्रबंध समिति द्वारा जमा की गई 50 लाख की एफडी में हेराफेरी करने वाले लिपिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपनी माता, पत्नी, भाई एवं अन्य 4 लोगों के खाते में धनराशि पद का दुरुपयोग कर ट्रांसफर कर ली थी। आरोपी लिपिक विष्णु उपाध्याय विगत 3 माह से फरार चल रहा था। जिसे पुलिस ने दबिश देकर उसके घर से 8 अप्रैल की रात को पकड़ा है।

टीआई ओमप्रकाश तंतवार ने बताया कि क्षेत्र की प्रबंध समिति द्वारा वर्षों से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बाबुल्दा में मंदिर की दानपेटियों से प्राप्त धनराशि को जमा कराया जाता है। जो खाते एवं एफडी के रूप में होता है। वहीं बैंक के कर्मचारी एवं लिपिक भानपुरा निवासी विष्णु उपाध्याय ने माताजी मंदिर द्वारा जमा की गई 46 लाख रुपए की एफडी जो 12 नवंबर 2017 को आगामी 1 वर्ष के लिए की गई थी। उसकी परिपक्वता के पूर्व ही बैंक में कार्य करते हुए 16 मई 2018 को ही फर्जी तरीके से बंद कर बैंक में एफडी की उस समय की परिपक्व नगदी की स्थिति 48 लाख रुपए को बीच में ही तोडक़र 48 लाख रुपए निकाल लिए और एक व्यक्ति जीतू चंदाचोरिया के खाते में डाल दिया।
जिसे उक्त राशि डाले जाने का पता ही नहीं चला एवं उपरोक्त आरोपी एवं बैंक लिपिक विष्णु ने 40 लाख रुपए की बैंक एडवाइजरी बनाकर पूरे 40 लाख रुपयों को अपनी माता रेखा बाई, पत्नी रिया, भाई पीयूष एवं अन्य चार इसमें बालकिशन पाटीदार, रामविलास, सत्यनारायण एवं शीतल पाटीदार के खाते में कुछ समय के लिए 40 लाख रुपये जमा कर दिए। शेष चार व्यक्तियों को उसने बताया कि मेरा उज्जैन में विक्रय किए गए प्लाट की राशि एकमुश्त आना है जो मैं एक साथ नहीं ले सकता एवं आपके खाते में डाल रहा हूं जो आप मुझे निकाल कर दे दें। परंतु यह एफडी टूटने के चलते मामला उजागर होने पर आरोपी विष्णु ने माता रेखा बाई उपाध्याय के खाते में जमा 36 लाख रुपए माता के फर्जी हस्ताक्षर कर निकाल लिए।

मंदिर की एफडी नई बनाकर नए खातानंबर से जमा करवा दिए। जांच अधिकारी एसआई राकेश चौधरी ने बताया कि आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी के अंतर को शेष राशि जमा कर 1 लाख 70 हजार का अंतर रख दिया। जब मामला उजागर हुआ।
प्रशासकीय समिति द्वारा जांच किए जाने पर एवं प्रशासनिक अधिकारी के निर्देशानुसार ब्रांच मैनेजर अर्जुन पगारे द्वारा आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए उसमें अमानत में खयानत के चलते बैंक कर्मी द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में प्रकरण दर्ज किया था। फरार विष्णु को भी अब गिरफ्तार किया तो पूरे घटनाक्रम की जानकारी साफ हुई।

दो दिन का मिला रिमांड
आरोपी उपाध्याय को न्यायालय में पेश किए जाने पर न्यायालय ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। आरोपी ने अपनी माता, पत्नी, भाई के खाते में जमा की गई राशि को भी फर्जी रूप से हस्ताक्षर करके निकाल लिया।
उल्लेखनीय है कि बैंक लेनदेन में बड़े ट्रांजैक्शन में ब्रांच मैनेजर एवं लिपिक या केशियर के अलग-अलग कोड डालने पर ही किसी लेन-देन को पुख्ता किया जाता है। फि लहाल तत्कालीन ब्रांच मैनेजर पदम जैन भी पुलिस पकड़ से दूर है। आरोपी विष्णु उपाध्याय को पिता सुभाष उपाध्याय के निधन हो जाने पर नौकरी अनुकंपा नियुक्ति में मिली थी।

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