नपा तो अपने हिस्से की राशि जमा करवाकर अस्थाई दुकान के लिए इन्हें अनुमति दे दी, लेकिन अब यहां दुकान खोलकर यह क्या और किस मानक का बेच रहे, उन्हें कोई मतलब नहीं।खाद्य विभाग का जिम्मा है, लेकिन इन दुकानों में से भी कुछचुनिंदा दुकानों से सेंपल लेकर आम आदमी की सेहत मानों विभाग भूल जाता है।
इसी कारण यहां लगी तमाम दुकानों पर सेंपल तक नहीं ले पाते और जहों सेंपल लिए वहां भी पलटकर कभी विभाग देखता नहीं। जब यहां यह आलम है तो पूरे जिले केे अन्य जगहों पर स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। ठंडक भरे से इन ज्यूस और रस के साथ मिलावट का दौर जारी हैऔर विभाग का कहना हैकि इतना अमला नहीं की सभी दुकानों तक पहुंचा जा सकें। इसी के कारण आम आदमी की सेहत से बाजारों में खुले रुप से खिलवाड़ हो रहा है।
बस स्टेंट से लेकर हर चौराहें व प्रमुख मार्ग पर बिक रही अमानक खाद्य सामग्री
नगर के नेहरु बस स्टेंड से लेकर महाराणा प्रताप बस स्टेंड क्षेत्रमें कई दुकानें है।
बस स्टेंट से लेकर हर चौराहें व प्रमुख मार्ग पर बिक रही अमानक खाद्य सामग्री
नगर के नेहरु बस स्टेंड से लेकर महाराणा प्रताप बस स्टेंड क्षेत्रमें कई दुकानें है।
जहां नमकीन से लेकर मिठाई खुले में पड़ी होकर बिक रही है। दुकानदार इन्हें ढकना तक उचित नहीं समझते। इनके अलावा अन्य कई अस्थाई दुकानें भी है जो दुषित खाद्य सामग्री बेरोकटोक बेचने का काम कर रहे है। इनके साथ ही शहर के हर प्रमुख मार्ग व चौराहें से लेकर आवाजाही वाले क्षेत्र में अस्थाई व सडक़ों के किनारों पर यह गन्ने से लेकर आम रस की दुकानें लगी है। जहां बेराकटोक यह खाद्य सामग्रिया बेची जा रही है।
सेंपल लेकर आमआदमी को अपने पर छोड़ देता है विभाग
कहने को तो तमाम नियम व कानून बने हुए है। नपा भी बिक रही खाद्य सामग्री की जांच कर सकती है, पर नपा ऐसा कभी करती नहीं।खाद्य विभाग भी कभी-कभार अपने दफ्तर से निकलता है और सेंपल लेकर फिर दफ्तर में लौट जाता है। इसके अलावा कुछ नहीं होता। इसी कारण मनमानी का यह दौर जारी है।
की है कुछ दुकानों की जांच
कुछ दुकानों की जांच की है और अभी चल रही है। सभी को नियमों के साथ शुद्धता का ध्यान रखने की नसीहत दी गई है। कई जगहों से सेंपल भी लिए गए है। -कमलेश जमरा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी