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60 हजार लोगों की जलापूर्ति के स्थाई इंतजाम में लेटलतीफी पड़ रही भारी

locationमंदसौरPublished: May 02, 2019 09:26:02 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

60 हजार लोगों की जलापूर्ति के स्थाई इंतजाम में लेटलतीफी पड़ रही भारी

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60 हजार लोगों की जलापूर्ति के स्थाई इंतजाम में लेटलतीफी पड़ रही भारी

मंदसौर.
शहर के 60 हजार से अधिक लोगों की जलापूर्तिकी समस्या का स्थाई हल निकालने के लिए २६ करोड़ के प्रोजेक्ट में लेटलतीफी भारी पड़ रही है। इसमें तीन टंकियों के साथ 26 किमी की पाईप लाईन के साथ फिल्टर प्लांट बनना था।लेकिन शहर किला क्षेत्र में बनने वाली सबसे बड़ी टंकी अब तक अधूरी हैतो एक बनी हुई टंकी से सप्लाईशुरु नहंी हो पाई है।जमीन आवंटित समय पर नहीं होने के कारण इसके काम में देरी हुई और इसी के कारण यह सुर्खियों में रही।
गर्मी के दिनों में जहां शहर में जलसंकट गहरा रहा हैवहीं अब लोगों को यह टंकिया याद आ रही हैकि समय पर यह बन जाती तो सप्लाई इनसे शुरु हो जाती तो शायद जलसंकट नहीं झेलना पड़ता।बुधवार को किला क्षेत्रमें बन रही टंकी का निरीक्षण करने के लिए सीएमओ आरपी मिश्रा सहित पूरा अमला पहुंचा।कई बार इसके दावे किए गए, लेकिन लेटलतीफी का आलम ऐसा छाया रहा कि अब तक किले पर बन रही टंकी पूरी ही नहीं हो पाई है।े

यह होगा लाभ
किला क्षेत्रमें टंकी बनने के बाद खानपुरा व शहर किला क्षेत्रमें सप्लाईकी बड़ी समस्या का हल होगा।वर्तमान में सुबह ३.३० बजे से सप्लाईशुरु होती है।इससे लोगों को जगना पड़ता है। अब नई टंकी से सप्लाईहोने पर लोगों को मध्यरात में नहीं जगना पड़ेगा। शहर किला के साथ शहर व खानपूरा के एक बड़ी आबादी वाले क्षेत्रमें समस्या का स्थाईहल होगा तो किटियानी की टंकी से अयोध्या बस्ती व किटियानी तो चंद्रपुरा की टंकी से उस क्षेत्रमें जलापूर्ति की समस्या हल होगी। यानी ६० हजार से अधिक लोगों को इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद लाभ होगा तो पूरे शहर को शुद्ध पानी नए फिल्टर प्लांट से मिलेगा।

20 एमएलडी फिल्टर प्लांट की है जरुरत
वर्तमान में शहर की जरुरत के मान से २० एमएलडी फिल्टर प्लांट की जरुरत है। पुराना प्लांट १३ तो नया १४ एमएलडी का है। ऐसे में करीब २८ एमएलडी के फिल्टर प्लांट है। जो शहर के आगामी ३० सालों को देखते हुए बनाए गए है।

यह था पूरा प्रोजेक्ट
यूआईडीएसएम योजना के तहत २६ करोड़ के इस प्रोजेक्ट में शहर में तीन पेयजल टंकियों के साथ नया फिल्टर प्लांट व पाईप लाईन का काम होना था।इससे ६० हजार से अधिक लोगों की जलापूर्तिकी समस्या का स्थाईसमाधान होना था। इसमें सबसे बड़ी शहर किला क्षेत्रमें २६ केएल क्षमता की टंकी बनने के साथ चंद्रपुरा में १५० केएल व किटियानी में ११०० केएल क्षमता की टंकी बनने के साथ १४ एमएलडी का नया फिल्टर प्लांट बनना था। इसमें फिल्टर प्लांट, किटियानी व चंद्रपूरा में तो टंकी के अलावा २६ किमी की डलने वाली पाईप लाईन का काम भी हो गया। लेकिन किला क्षेत्रमें बनने वाले टंकी करीब समय सीमा पूरी होने के दो साल बाद भी नहीं बन पाई है। हालांकि अब काम अंतिम दौर में है।

ेिकले की टंकी में यह बना देरी का कारण
२६ करोड के इस प्रोजेक्ट में सब काम पूरा होने के बाद किले पर २६ केएल क्षमता वाली टंकी के लिए जमीन नपा को मिली। इसी कारण इसमें देरी हुई। प्रारंभ से हुई देरी के कारण टंकी का यह प्रोजेक्ट डेढ़ से दो साल देरी से चल रहा है। अब काम अंतिम दौर में है।

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