आपूर्ति विभाग के अफसर को नहीं कोईसरोकार
२५ मार्च से समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी शुरु की गई। इसमें शहर से बहुत दूरी पर ऐसी जगह केंद्र बनाए गए। जहां रेस्टारेंट तो ठीक होटल भी नहीं। पानी पीने की व्यवस्था से लेकर बैठने के लिए छाया भी नसीब किसानों को नहीं हो रही है। गोदामों के बाहर धूप में लाईनों में खड़े रहकर किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे है। पूरा महीना बीत गया। ऐसी ही व्यवस्था चल रही है, लेकिन विडबंना यह हैकि विभागीय अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। जिला आपूर्ति अधिकारी ज्योति जैन को इस मामले में अब तक अनेको बार फोन कर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह कभी भी फोन रिसीव नहीं करती। सोमवार को भी उनके मोबाईल पर लगातार फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव ही नहीं किया।
शहर से दूर-दर्राज स्थानों पर केंद्र बनाए गए है। यहां किसानों को छाया में बैठने से लेकर पीने के पानी के साथ अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां मुझे तो ठीक किसी भी किसान को भोजन नहीं मिला और न हीं आसपास कोईदुकान है। जिससे किसान अपने पैसों पर कुछ खा पी सकें।-भेरुलाल गायरी, दाऊतखेड़ी
गांव से यहां गेंहू लेकर पहुंचे है। मेसेज के अनुसार तो आए है, लेकिन यहां अव्यवस्थाओं के कारण असुविधा हो रही है। भोजन तो नहीं मिल रहा वो तो ठीक लेकिन आसपास कही पर भी नाश्ता के लिए रेस्टोरेंट या अन्य कोई व्यवस्था तक नहीं है। -जानकीलाल माली, गलियाखेड़ी
केंद्र पर कोई व्यवस्था नहीं है। भोजन मिलना तो दूर यहां पर बैठने से लेकर पानी व अन्य सुविधाएं भी किसानों को नहीं मिल रही है। मेसेज सुविधा भी सही नहीं है। मेरे पास २ मई का मेसेज था। लेकिन मेसेज अनुसार माल तुलाई नहीं हो रही है। आज आकर पूछा तो कहा गेंहू ले आओं। तौल में धीमी गति के कारण किसानों को यहां इंतजार करना पड़ रहा है।-जमीर हुसैन, किसान, खिलचीपुर
जिले में ६४ केंद्रों पर खरीदी चल रही है। ९० प्रतिशत भंडारण व परिवहन हो चुका है। ५७ हजार ने पंजीयन कराया था।केंद्रों पर बैठने से लेकर अन्य व्यवस्था का था जो करवाई गई है। भोजन का नहीं आया है। २८ केंद्र गोदाम स्तर पर ही और ३८ केंद्र ऐसे जहां मंडी या अन्य जगह केंद्र है। वहां से गेंहू उठाया जा रहा है। भुगतान भी किसानों के खातें में डालने का काम चल रहा है। -रोहित श्रीवास्तव, डीएमओ
एसडीएम अंकिता प्रजापति ने बताया कि भोजन का मामला जानकारी में नहीं है। ऐसा कोईआदेश आया है तो विभागीय अधिकारी से जानकारी लेकर इसका पालन कराया जाएगा।