४६ टन कचरा उगलता हैमंदसौर
मंदसौर शहर हर दिन ४६ टन कचरा उगलता है। जो ट्रेचिंग ग्राउंड पर डाला जाता है। इसके कारण कचरे में बदबू से लेकर गंदगी फैलती है। कचरे में सुलगती आग आसपास के गांवों में फैलते धुएं के रुप में ग्रामीणों की परेशानी बनी हुई है। हालांकि नपा ने कचरे के निष्पादन से लेकर आग को कंट्रोल करने के लिए यहां तमाम प्रकार के संसाधन लगा रखे है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहे है।और ग्रामीण मंदसौर से निकलने वाले कचरे से हर दिन परेशान हो रहे है।
इन गांवों में पड़ता हैप्रभाव
शहर से दूर फोरलेन हाईवे क्षेत्रमें ट्रेचिंग ग्राउंड बना है जो सिंदपन फंटे पर है। जहां कचरा डाला जा रहा है। वहां से सिंदपन एक किमी दूर है। यहां से निकलता धुआं सीधे गांव में पहुंचता हैतो यहां निवास करने वाले ४०० घरों के करीब ढाईहजार लोगों को सीधे प्रभावित करता है तो हाईवे से निकलने वाले राहगीरों को भी। इसके अलावा बेलारा, बोलतगंज, गुराडिय़ा, हरीपुरा, साबाखेड़ा गांव में भी ट्रेचिंग ग्राउंड के धुएं का सीधा इफेक्ट पड़ता है। धुएं के अलावा भी ट्रेचिंग ग्राउंड से उठने वाले बदबू और गंदगी के साथ गांवों तक पहुंचती है जो गांवों के वातावरण को प्रदूषित कर रही है।इसके अलावा कचरा डाले जाने के दौरान यहां जाम भी लग जाता है। इन सबके कारण ग्रामीण परेशान हो रहे है।
मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है धुआं
कुछ दिन पहले ही ट्रेचिंग ग्राउंडके धुएं से सिंदपन गांव की दो युवतियों के बेहोश होने का मामला आया था। चिकित्सको की मान तो कचर में प्लास्टिक सहित पॉलिथीन व अन्य चीजें रहती है। इनसे निकलने वाले धुएं में कई प्रकार की गैस होती है। जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
चल रहा है काम
कचरे की आग है वह सुलगती रहती है। धुएं की जानकारी कुछ दिन पहले मिली थी। वहां नपा ने कर्मचारी से लेकर अपने संसाधन लगाकर इसका निराकरण करने के लिए काम किया है। धुआं अब नहीं के बराबर है। कचरे का निष्पादन भी किया जा रहा है। और इसमें दवाईयां डाली जा रही है। बदबू सहित धुएं से लेकर अन्य चीजों का यहां समाधान किया जा रहा है। टे्रचिंग ग्राउंड की हर गतिविधि की जानकारी ले रहा हूं। यहां जो भी समस्या है। उन सभी का समाधान किया जा रहा है। -आरपी मिश्रा, सीएमओ