इन १० बड़े नालों की सफाई के लिए पोकलेन मशीन यहां चल रही है तो जेसीबी मशीन भी १० अन्य नालों की सफाई के लिए लगाईगई है। इस तरह मशीनों से लेकर अपने पूरे स्वास्थ्य अमले और कर्मचारियों के साथ संसाधनों को लगाकर नपा शहर के सभी नालों की सफाई बारिश को देखते हुए करवा रही है। ताकि इस बार शहर में जलजमाव के हालात नहीं बने और बारिश का पानी सडक़ो की बजाए नालों में बहकर प्रभावित हो।
जब नालें हो रहे जाम, तब किसी ने नहीं रोका, अब चलाना पड़ रही मशीनें
शहरीय क्षेत्र से जहां पर बड़े नाले प्रभावित हो रहे है। वहां पर शहर से निकलने वाली सामग्री कईलोग इनमें डाल रहे है। मकान निर्माण के दौरान निकलने वाला वेस्ट मटेरियल लोग इन नालों के किनारों पर आकर डालते है। जिससे धीरे-धीरे इनकी गहराईसे लेकर चौड़ाई भी कम होती जा रही है। जब मटेरियल इनमें डाला जाता है तब तो नपा इस पर रोक नहीं लगा पाती है और हर बार बारिश के पहले इस प्रकार का अभियान चलाकर नालों में पड़ा मटेरियल मशीनों पर रुपए फूंककर निकाला जाता है।
इससे नपा को हर साल आर्थिक भार वहन करना पड़ता है। वर्तमान में भी खानपूरा, धुलकोट से लेकर कई जगह ऐसी है। जहां नालों को पहले तो लोगों द्वारा मटेरियल डालकर बंद किए जाने पर कोईरोक नहीं पाया और अब वहां सफाई अभियान के नाम पर मशीनों से इनमें पड़ा मटेरियल हटाया जा रहा है।
लगातार चल रहा अभियान
मानसून के पूर्व शहर के सभी नालेंा की सफाईका काम करवाया जाएगा। १० बडे नालों पर पोकलेन से तो १० अन्य नालों की जेसीबी से सफाई कराई जाएगी तो ४० छोटे- बड़े अन्य नाले है। जिन पर सफाई अमला काम करेगा। इस प्रकार शहर के सभी १०० से अधिक भूमिगत व अन्य नालों की बारिश से पहले पूरी तरह सफाईकरवाई जाएगी। -केजी उपाध्याय, स्वास्थ्य अधिकारी, नपा