किसानों की जिन मांगों को लेकर यूनियन ने बंद का आह्वान किया था। उन्हीं पर इस बार किसानों ने यूनियन को समर्थन नहीं दिया। पहले ही दिन दिन यूनियन का दावा और हड़ताल बेअसर साबित हुई। पुलिस ने भी सुरक्षा को लेकर जिलेभर में कड़े इंतजाम कर रखे थे। ऐसे में पुलिस की भी हर जगह निगाह बनी हुई थी।
इन मांगों को लेकर किया था बंद का आह्वान
किसान यूनियन ने किसानों से जुड़ी विभिन्न पांच सुत्रीय मांगों को लेकर बंद का आह्वान किया था। इसमें प्रमुख रुप से पूर्व में हुए किसान आंदोलन में किसान पर दर्ज हुए मुकदमें सरकार के आश्वासन के अनुरुप वापस लेने और किसान आंदोलन की जांच कर रहे जैन आयोग को खारिज कर नया आयोग बनाकर आंदोलन से जुड़े पहलूओं की फिर से जांच कराने से लेकर किसानों पर गोली चलाने वाले दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग अहम थी।
इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग भी थी।
स्वेच्छा का था आह्वान
राष्ट्रीय मजदूर महासंघ की भी बुधवार को मुख्यमंत्री से मांगों के संबंध में चर्चा हुई। इसक बाद १ जून से की जाने वाली हड़ताल को उन्होंने स्थगित कर दिया। इधर किसान यूनियन की भी बुधवार शाम को सीएम से चर्चा हुई। इसके बाद इनकी भी तीन दिवसीय हड़ताल के स्थगित होने की जानकारी मिली।
स्वेच्छा का था आह्वान
राष्ट्रीय मजदूर महासंघ की भी बुधवार को मुख्यमंत्री से मांगों के संबंध में चर्चा हुई। इसक बाद १ जून से की जाने वाली हड़ताल को उन्होंने स्थगित कर दिया। इधर किसान यूनियन की भी बुधवार शाम को सीएम से चर्चा हुई। इसके बाद इनकी भी तीन दिवसीय हड़ताल के स्थगित होने की जानकारी मिली।
हालांकि जिले में पहले दिन भी कभी कुछ नहीं हुआ। किसान यूनियन के भगतसिंह बोड़ाना ने बताया कि यूनियन के प्रादेशिक पदाधिकारियेां की मांगों को लेकर सीएम से चर्चा हुई है। हमने किसानों से स्वेच्छा से बंद का आह्वान किया था। कही पर किसानों से यूनियनद्वारा जोर-जबरदस्ती नहीं की गई।
फल, सब्जी और फूलों से लेकर उपज मंडी में हुई बंपर आवक
किसान यूनियन ने तीन दिवसीय मंडी बंद के आह्वान के बीच कृषि उपज मंडी से लेकर फल और सब्जी से लेकर फूल मंडियों को तीन दिनों तक बंद का आह्वान किया था और गांवों से यहां उपज सहित फल, सब्जी व दूध के साथ फूल नहीं पहुंचने देने का दावा किया था। लेकिन बुधवार को ऐसा कही पर नहीं हुआ।शहर से लेकर पूरे जिले में सभी प्रकार की मंडियों में व्यवस्थाएं पूर्ववत ही संचालित हुई तो मंडियों में बंपर आवक भी रही। शहर में भी कृषि उपज मंडी में गेंहू से लेकर सभी प्रकार की ङ्क्षजसों की बंपर आवक रही। तो सब्जियों से लेकर फल और फूल से लेकर दूध भी हर दिन की तरह गांवों से शहर में पहुंचा और बाजार में विक्रय हुआ।