पीडि़तों की अन्याय की अर्जी पर जिले के थानाप्रभारियों की मनमर्जी
मंदसौरPublished: Jun 19, 2019 08:42:39 pm
पीडि़तों के साथ अन्याय की अर्जीपर जिले के थानाप्रभारियों की मनमर्जी
मंदसौर.
महिला संबंधी अपराध हो, धोखाधड़ी हो या फिर किसी जमीन संबंधी विवाद हो। जब पीडि़त पक्ष आवेदन लेकर थाने पर जाते है।तो उनको सुन अनसुना कर दिया जाता है। वे काफी दिनों तक चक्कर काटते है। और घंटों थाने पर बैठे रहते है। फिर भी उनकी सुनवाईनहीं होती है। फिर हताश हो जाते है। इस तरह के एक या दो नहीं बल्कि कई मामलों में पीडि़तों की सुनवाई थानों पर नहीं हो रही है। ऐसे में पीडि़त पक्ष परेशान होकर कोसों दूर का सफर कर मंदसौर पहुंच रहे है। और पुलिस अधीक्षक के यहां पर गुहार लगाते है। जब पुलिस अधिकारियों से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने व्यवस्था सुधारने की बात कही है।
केस-१
गरोठ थानाक्षेत्र की निवासी ममता बाईने पुलिस अधीक्षक को शिकायत की हैकि मेहरबान ङ्क्षसह, दारासिंह और रूपङ्क्षसह के द्वारा उसके एवं उसके परिवार वालों के साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी दी गई।और अवैध वसूली की गई। इसकी शिकायत गरोठ थाने में भी की गई।लेकिन गरोठ पुलिस के द्वारा संबंधितों के खिलाफ कोईकार्रवाईनहीं की गई।
केस-२
अफजलपुर थानाक्षेत्र के ग्राम धतुरिया के निवासी शंकरलाल और मां सोहनबाईने पुलिस अधीक्षक को शिकायत की है कि १० जून को ९ बजे मजदूरी करने के लिए ठेकेदार के साथ जा रहा था। कारूलाल गायरी एक अन्य ने शंकर का रास्ता रोक लिया। और मारपीट की।उसके बाद शंकरलाल की मां सोहनबाई के साथ भी मारपीट की। शंकर और उसकी मां अफजलपुर थाने पहुंचे तो वहां पर कोई सुनवाई नहीं हुई। और १२ बजे तक बिठाए रखा। प्रधानआरक्षक ने मुझसे कहा कि रिपोर्टमत करो राजीनामा कर लो।हमने रिपेार्टकी कहा तो कोईसुनवाईनहीं हुई।
केस-३
गरोठ थानाक्षेत्र के ग्राम देवरिया के निवासी रामदयाल ने शिकायत की है कि भगवान, मांगीलाल, बंशीलाल, अशोक, भरत, सत्यनारायण, श्यामलाल ने जबरन मेरे खेत पर हाक जोत दी। जिसकी जानकारी मुझे ४ मईको लगी। मैंने गरोठ थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई।जिस पर अभी तक गरोठ पुलिस द्वारा कोई भी कार्रवाईनहीं की गई। इन्होंने मेरे साथ झगड़ा भी किया। मुझे जान का खतरा है। बावजूद गरोठ पुलिस ने नहीं सुनी।
एक माह में आती करीब साढ़े चार सौ शिकायतें
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक माह में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में करीब ३०० से साढ़े चार सौ तक शिकायतें लेकर आमजन पहुंचते है। इन शिकायतों में करीब ३० से ४५ फीसदी शिकायतें वे रहती है। जिनमें थानों से असंतुष्ट होते है। और फिर कौसों दूर का सफर कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचते है।पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सूत्रों पर भरोसा करें तो कुछ शिकायतों में तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय से थाने पर भेजने के बाद भी सुनवाईदेरी से होती है।
इनका कहना….
पुलिस अधीक्षक हितेश चौधरी ने कहा कि हमारे द्वारा पूरा प्रयास किया जाएगा कि थानों पर ही पीडि़त पक्ष संतुष्ट हो।