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आदेश की कॉपी भेजकर नौनिहालों के बस्तों से कर लिया ‘वजन कम

locationमंदसौरPublished: Jul 21, 2019 12:14:02 pm

Submitted by:

Vikas Tiwari

आदेश की कॉपी भेजकर नौनिहालों के बस्तों से कर लिया ‘वजन कम

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मंदसौर.
नौनिहालों के कांधों पर बस्तों का वजन कम करने के लिए जुलाई माह के शुरुआती दिननों में आदेश जारी किए गए थे। अधिकारियों की लापरवाही का आलम तो यह है कि अब तक इस आदेश को लेकर कोई समिति गठित नहीं की गई है। केवल संबंधित अधिकारियों को आदेश की कॉपी भेजकर ही समझ लिया कि नौनिहालों के बस्तों का वजन कम हो गया है। जब अधिकारियों को इसके बारे में पूछा तो उन्होंने जल्द से जल्द समिति गठित करने की बात कहकर जिम्मेदारी से ही पल्ला झाड़ लिया।
१७ दिन बीतें नहीं ली अधिकारियों ने सुध
३ जुलाई को शिक्षा के उपसचिव प्रमोद ङ्क्षसह ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को बच्चों के कांधों से बस्ते का बोझ कम करने के लिए आदेश जारी किए थे। यह आदेश
उपसचिव ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के ५ अक्टूबर २०१८ पत्र मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के परिपेक्ष्य में आदेश जारी किया गया था। इस आदेश को जारी किए हुए १७ दिन बीत गए लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इससे अधिक नहीं होना चाहिए बस्तों का वजन
शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बस्तों का वजन कम के लिए भी आदेश में वजन तय किया गया था। इसके तहत कक्षा एक से दो में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए बस्ते का वजन एक से ड़ेढ़ किलो तक रहना चाहिए। वहीं कक्षा तीन से पांच में पढऩे वाले विद्यार्थियों के बस्ते का वजन दो से तीन किलो रहना चाहिए। कक्षा छह से सात में पढऩे वाले विद्यार्थियों के बस्ते का वजन चार किलो रहना चाहिए। वहीं कक्षा आठ से नौ में पढऩे वाले विद्यार्थियों के बस्ते का वजन साढ़े चार किलो रहना चाहिए। वहीं कक्षा दसवीं में पढऩे वाले विद्यार्थियों का वजन ५ किलो रहना चाहिए।
आदेश का पालना नहीं तो वजन भी कम नहीं
जिले में इस आदेश की पालना नहीं की गई। इसका सबसे कारण यह है कि अभी तक शिक्षा अधिकारी इस आदेश के प्रति गंभीर ही नहीं है। जिसके चलते उन्होंने अभी तक इसको लेकर कोई समिति तक गठित नहीं की है। जिसके कारण विद्यार्थियों के बस्तों का वजन अभी तक कम नहीं हुआ है।
इनका कहना…
आदेश मिलने के बाद ही तत्काल सभी को आदेश भेज दिया गया था। समिति का गठन जल्द ही कर दिया जाएगा।
आरएल कारपेंटर, जिला शिक्षा अधिकारी।
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