शौचालयों की जांच करने पहुंचा दल, लिए हितग्राहियों के कथन
मंदसौरPublished: Jul 23, 2019 12:20:49 pm
शौचालयों की जांच करने पहुंचा दल, लिए हितग्राहियों के कथन
मंदसौर..
पत्रिका ने १५ जुलाई को सेमलिया हीरा ग्राम पंचायत की ‘लीलाबाई के शौचालय पर जगदीश का नाम लिख करवा लिया पासÓ प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान और जांच के आदेश जारी किए। सोमवार को जनपद पंचायत मंदसौर के अधिकारी चंचल सोनी के द्वारा जांच की गई। जनपद पंचायत अधिकारी चंचल सोनी द्वारा शिकायत की जांच की पाया गया कि एक ही हितग्राही के घर पर बने शौचलय को 3 बार पास किया गया और राजस्व विभाग की जमीन पर 15 -15 हजार लेकर पट्टे वितरित किए गए है।
जांच अधिकारी सोनी को शिकायतकर्ताओं ने शपथ पत्र भी दिए। इसमें ग्रामवासी सुखदेव पिता प्रभु लाल ने शपथ पत्र में बताया कि लगभग 30 वर्षों से कब्जा चला आ रहा है और फिर सरपंच सचिव द्वारा 28 अक्टूूबर 2017 को अतिक्रमण का नोटिस देखकर जबरदस्त कब्जा हटाया गया। वह मुझे सरपंच सचिव ने 50000 लेकर आधा प्लॉट का पट्टा दिया व आधा प्लॉट का पट्टा मांगीलाल पिता प्रेमचंद कुमावत के नाम से जारी कर दिया। जबकि प्रेमचंद कुमावत पात्रता में नहीं आते है। गोविंद ने शपथ पत्र में बताया कि मेरे नाम से पट्टा जारी किया गया। व मुझे सरपंच सचिव द्वारा पैसे की मांग की गई। मेरे द्वारा पैसे नहीं देने पर पट्टा नहीं दिया। उस प्लाट पर पैसे लेकर दूसरे को पट्टा जारी कर दिया। श्यामलाल पाटीदार ने शपथ पत्र में बताया कि मेरी माता लीला बाई द्वारा शौचालय बनाया गया था। जिसमें पंचायत सचिव सरपंच द्वारा शौचालय की राशि स्वीकृत कर दी गई थी जिसमें दोबारा उसी शौचालय के ऊपर सहायक सचिव ने जगदीश पिता को भुवानीलाल पाटीदार को उसी शौचालय के ऊपर राशि स्वीकृत कर दी गई। गोपाल सिंह पिता जुझार सिंह राजपूत ने शपथ पत्र में कहा कि पंचायत सरपंच सचिव द्वारा मुझे पट्टा जारी किया गया। जिसमें 20 हजार रूपए व सहायक सचिव द्वारा शौचालय स्वीकृत करने के लिए 2 दो हजार रूपए लिए गए। वहीं भुवानीलाल ने भी शिकायत दर्ज करवाई। जिसमें कहा कि सहायक सचिव का पैसे की मांग का ऑडियो रिकार्डिंग है।
सहायक सचिव किशोर पाटीदार ने जनपद पंचायत को एक आवेदन दिया जिसमें बताया कि भुवानीलाल से मेरी बात नहीं हुई है वह जो वीडियो ऑडियो वायरल हो रहा है वह फसल क्षण योजना के आवेदन करने के लिए राकेश द्वारा पंचायत आकर मेरे मोबाइल का दुरुपयोग कर राशि की मांग की गई।