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‘ज्ञान नहीं है तो किताबें पढ़े, पढऩा शर्म की नहीं काम नहीं करना शर्म की बात

locationमंदसौरPublished: Jul 25, 2019 12:37:37 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

‘ज्ञान नहीं है तो किताबें पढ़े, पढऩा शर्म की नहीं काम नहीं करना शर्म की बात

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‘ज्ञान नहीं है तो किताबें पढ़े, पढऩा शर्म की नहीं काम नहीं करना शर्म की बात


मंदसौर.
अगर कानून का ज्ञान नहीं है, तो उसके लिए कानून की किताबे पड़े। कानूनों की किताब पढऩे में कोई शर्म की बात नहीं है। लेकिन काम नहीं करना शर्म का विषय है। सभी एसडीएम बस्ता, टेबल एवं रीडर की फाइलों का औचक निरीक्षण करें। बहुत से सीमांकन के प्रकरण आरआई के पास लंबित रहते हैं। नायब तहसीलदार को भी रिपोर्ट के अधिकार दें। यह बात कलेक्टर मनोज पुष्प ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एसडीएम, तहसीलदारो को कही। बुधवार को कलेक्टोरेट में ली राजस्व विभाग की बैठक में बोल रहे थे। उन्होने जिले में लंबित चल रहे सीमांकन व नामांतरण के मामलो का तुरंत निराकरण करने के लिए एसडीएम-तहसीलदारो को शिविर लगाकर इस पर काम करने के निर्देश दिए। १ माह में प्रकरणों का निराकरण कर रिपोर्ट देने के लिए कहा। साथ ही एसडीएम व तहसीलदारों को गांवों का दौरा करने के लिए कहा।
आरआई के पास लंबित रहते है प्रकरण
कलेक्टर ने एसडीएम से कहा कि सीमांकन के प्रकरण आरआई के पास लंबित रहते है। ऐसे में आरआई व पटवारी से भी समीक्षा करें। बहुत से सीमांकन के प्रकरण आरआई के पास लंबित रहते हैं। ऐसे में आरआई व पटवारी तक पहुंचकर वहां भी समीक्षा करें। सीमांकन के मामलों में खुद भी निरीक्षण पर जाए। तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार से प्रतिवेदन मंगवाने के निर्देश दिए। एनओसी के मामले को लंबित ना रखें। एनओसी के मामले को लंबित रखने से किसी को भी लाभ नहीं होता है। बैठक के दौरान कलेक्टर के अलावा एडीएम बीएल कोचले, सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
राजस्व वसूली का लक्ष्य 14 करोड़ अब तक हुई शून्य प्रतिशत वसूली
राजस्व वसूली के संबंध में कहा कि अभी तक राजस्व अधिकारियों द्वारा शून्य प्रतिशत वसूली की गई है। जबकि लक्ष्य 14 करोड़ का दिया गया है। डायवर्सन भू राजस्व एवं परंपरागत वसूली बिना किसी रोक-टोक एवं समीक्षा के तुरंत प्रारंभ करें। वसूली के संबंध में अनावश्यक समीक्षा ना करें। समस्त प्रकार की वसूली 15 दिवस में पूर्ण करें। वसूली के संबंध में आगामी बैठक में समीक्षा की जाएगी। एसडीएम को निर्देश देते हुए कहा कि नायब तहसीलदारों को रिपोर्टिंग के अधिकार प्रदान करें। एसडीएम एवं तहसीलदार गांव का दौरा भी करें एवं बी 1 की नकल पढ़कर सुनाए। प्राकृतिक आपदा संबंधित समस्त केस के अधिकार एसडीएम एवं तहसीलदार को प्रदान किए गए हैं। राजस्व कोर्ट में लंबित है, तो उसका तुरंत 7 दिवस में समाधान करें।

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