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मंदसौर

ग्रीनबेल्ट की भूमि और तैलिया तालाब के हंगामें के बीच बीजेपी के बहुमत के आगे झुका सदन

ग्रीनबेल्ट की भूमि और तैलिया तालाब के हंगामें के बीच बीजेपी के बहुमत के आगे झुका सदन

मंदसौरAug 21, 2019 / 11:59 am

Nilesh Trivedi

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ग्रीनबेल्ट की भूमि और तैलिया तालाब के हंगामें के बीच बीजेपी के बहुमत के आगे झुका सदन

मंदसौर.
नगर पालिका का सम्मेलन लगातार दूसरे दिन बीजेपी के हंगामें के कारण स्थगित करना पड़ा। और एजेंडे में शामिल १२२ मुद्दों में से एक पर भी चर्चा नहीं हो सकी। सोमवार को कांग्रेस के चार पार्षद नहीं पहुंचे तो और बीजेपी का कोई नहीं। मंगलवार को पहुंचे तो एजेंडे में बात होने से पहले पूरे समय हंगामा होता रहा। बहुमत में बैठी बीजेपी के पार्षदों ने एजेंडे को स्थगित कर नामांतरण व बारिश के कारण बने हालातों पर विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग रखी तो वह अंत तक इसी पर अड़़े रहे। नपा के ओएस ने एजेंडे का एक मुद्दा पड़ा तो माईक से लेकर अध्यक्ष-सीएमओ की आसंदी को घेरकर हंगामा किया। अंतत भाजपा के बहुमत के आगे सदन को झुकना पड़ा और सम्मेलन स्थगित करना पड़ा।

गुर्जर ने कहा पहले होते थे गुपचुप नामांतरण तो भड़क गए बीजेपी पार्षद
पहले पीआईसी में नामांतरण होते थे। अब कांग्रेस के बने अध्यक्ष हनीफ शेख इन्हें परिषद में लेकर आए तो कांग्रेस पार्षद ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले गुपचुप नामांतरण होते थे। इसके बाद बीजेपी पार्षदों ने विरोध करते हुए हंगामा कर दिया और गुर्जर को घेर दिया। सदन की कार्रवाई के बीच कई बार हंगामा और तकरार भी हुई। कांग्रेस पार्षद रुपल संचेती ने अपने ही पार्टी के अध्यक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पार्षद होते हुए जिन मुद्दों को उठाया आज अध्यक्ष बनने के बाद उन्हीं गंभीर विषयों को एजेंडे में क्यों शामिल नहीं किया। शाकेरा खेड़ीवाला ने कहा कि कांग्रेस नालों की चौड़ाई कम करने से लेकर नालों, तालाबों पर अतिक्रमण का लंबे समय से विरोध करती आई है। लेकिन नपा सालों से लापरवाह बनी रही, नतीजा सबके सामने है। पूरे शहर में जलजमाव के हालात बन रहे है। स्वास्थ्य सभापति डिगपालसिंह भाटी ने कहा कि भाजपा के राज में मनमाने तरीके से अतिक्रमण हुआ।

डेढ़ घंटे की कार्रवाई में अतिक्रमण, नामांतरण व ग्रीनबेल्ट से आगे नहीं बढ़ी बात
सुबह ११.३० बजे से दोपहर १ बजे तक चली सदन की कार्रवाई में एजेंडे में शामिल मुद्दों व शहर के विकास से जुड़े लंबित एक भी मुद्दों पर बात नहीं हुई। पूरे समय नामांतरण, नालों, तालाबों पर अतिकम्रण के साथ ग्रीनबेल्ट में निर्माण की अनुमति और बारिश के बीच जलभराव के हालातों पर नपा की लापरवाही के साथ तैलिया तालाब के मुद्दें से आगे बात नहीं बढ़ी। बीजेपी-कांग्रेस के पार्षदों में इससे आगे कोई बात नहीं की।
बदली परिस्थिति तो विकास के एजेंडे पर भारी पड़ रहा राजनीतिक एजेंडा
पूर्व नपाध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद ८ माह बाद आयोजित सम्मेलन दूसरे दिन फिर स्थगित करना पड़ा। बदलती राजनीतिक स्थितियों के बाद अब कांग्रेस का नपाध्यक्ष व सदन में बीजेपी का बहुमत होने के कारण यह स्थिति बनी। सोमवार को भले ही कोरम के अभाव में सम्मेलन स्थगित किया गया हो, लेकिन मंगलवार को कांग्रेस के चारों नाराज पार्षद और बीजेपी के भी सभी पार्षदों की मौजूदगी के बाद भी सम्मेलन बीजेपी के पार्षदों के जोरदार हंगामें के कारण स्थगित करना पड़ा और एजेंडे में शामिल एक भी मुद्दा पारित नहीं हो पाया। इस तरह दूसरे दिन भी सम्मेलन राजनीति की भेट चढ़ गया।

सदन की कार्रवाई के बीच बीजेपी पार्षदों ने नपाध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन
सदन की कार्रवाई के बीच भाजपा पार्षदों ने नपाध्यक्ष को विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने बताया कि भारी बारिश से नगर में हुई तबाही हुई नुकसानी के साथ अन्य बिंदुओं के अलावा नामांतरण के तमाम प्रकरणों को एक साथ लाते हुए विशेष सम्मेलन बुलाया जाए। जितने भी नामांतरण के प्रकरण लंबित है, उन्हें एक साथ लाया जाए। इस पर नपाध्यक्ष ने नामांतरण के प्रकरणों को लेकर विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग की, लेकिन बीजेपी पार्षद इस मांग पर अड़े रहे कि सम्मेलन के एजेंडे में शामिल १०० नामांतरण के मुद्दें भी उन्हें के साथ जोड़कर लाए जाए। और इसी कारण सम्मेलन स्थगित करना पड़ा।

सीएमओ ने की सम्मेलन स्थगित की घोषणा
सम्मेलन की शुरुआत से अंतिम समय तक हंगामा होता रहा। बीजेपी पार्षदों के भारी हंगामें के बीच सीएमओ ने सम्मेलन स्थगित करने की घोषणा कर दी। इस तरह ८ माह बाद हो रहा सम्मेलन लगातार दो दिन से स्थगित हुआ और सम्मेलन नहीं हो पाया। सोमवार को नपाध्यक्ष ने स्थगत की घोषणा की थी। एजेंडे में 100 नामांतरण के साथ 16 विभिन्न वार्डो के निर्माण के अलावा 4 प्रकरण लीज अवधि बढाने व एक प्रकरण बीपीएल चौराहा की भूमि के संबंध में था। लेकिन डेढ़ घंटे में एक बार भी एजेंडे पर चर्चा नहीं हुई और एजेंडे का पहला विषय आते ही जोरदार हंगामा हुआ तो बहुमत में भाजपा के सभी पार्षदों ने एजेंडे के सभी प्रकरणों को निरस्त कर दिया। इसके चलते बहुमत के आधार पर नपा अधिनियम की धारा 62 में सभी प्रकरणो को आगामी बैठक में रखने की बात कहते हुए स्थगित किया गया।

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