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सालभर भी नहीं चला 38 करोड़ का ओवरब्रिज और लगने लगे पैंबद

locationमंदसौरPublished: May 17, 2019 12:40:33 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

सालभर भी नहीं चला 38 करोड़ का ओवरब्रिज और लगने लगे पैंबद

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सालभर भी नहीं चला 38 करोड़ का ओवरब्रिज और लगने लगे पैंबद


मंदसौर.
38 करोड़ रुपए की लागत से सीतामऊ फाटक पर बनने वाले टी-आकार के ओवरब्रिज पर निर्माण पूरा होने से पहले ही घटिया निर्माण को लेकर सवाल खड़े हो गए है। अधूरे ओवरब्रिज में मंदसौर-जावरा वाले रुट पर ट्रैफिक शुरु किया गया। लेकिन एक साल में ही यह ब्रिज बेदम हो गया।अब यहां पैंबल लगाए जा रहे है। पैंबल लगाने के काम में भी रात के समय निकलने के दौरान बीच में पड़ी सामग्री के कारण आवाजाही करने वाले लेागों को परेशान होना पड़ रहा है।
ब्रिज की ऊपरी सतह की सीसी दरकने लगी तो बाहर आने लगी। यहां तक की सरीए भी दिखाईदेने लगे फिर भी विभाग इसे घटिया निर्माण नहीं मान रहा। लंबे समय से रेलवे फाटक के ६० मीटर के हिस्से के कारण काम रुका पड़ा है।अब रेलवे ने काम शुरु किया तो पहले से शुरु किए गए हिस्से पर शुरु हुई मरम्मत ने निर्माण पर सवाल खड़े कर दिए। अब यहां से यह खराब होने लगा।वहां पैंबद लगाने का काम किया जा रहा है।

३८ करोड़ का ब्रिज आया सवालों के घेरे में
५ अगस्त २०१८ को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जिले में जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान रात २.३० बजे बाद इस ब्रिज का शुभारंभ करते हुए इस पर से काफिला निकाला था। इसके बाद इसे ३ साल से चल रहे निर्माण के बाद आम-जनता के लिए शुरु किया गया। अब अगस्त २०१९ आने से पहले ही ३८ करोड़ का यह ब्रिज सवालों के घेरे में आ गया और बेदम होने लगा है। चार साल का समय पूरा हो चुका यह टी-आकार का ब्रिज अब तक पूरा हो नहीं पाया और रेलवे ने सीतामऊ फाटक बंद किए ढाईसाल बीत गए है।
ऐसे में इस रुट पर निर्भर १५ हजार से अधिक लोगों को हर दिन परेशान होना पड़ रहा है तो सीतामऊ, सुवासरा, शामगढ़, गरोठ, भानपुरा क्षेत्रको जिले से जोडऩे वाले इस रोड पर हर दिन हजारों लोगों को वैकल्पिक मार्गसे आवाजाही करना पड़ रही है।पहले ब्रिज को पूरा करने में रेलवे रोड़ा बना। अब रेलवे ने काम शुरु किया तो घटिया निर्माण सामने आया।ऐसे में ब्रिज की गुणवत्ता और इससे हर दिन गुजरने वाले हजारों लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल होने लगे है।

२५० बसें, ५०० से अधिक गांव प्रभावित
मंदसौर शहर में प्रवेश करने से पहले सीमामऊ फाटक पर ब्रिज के इस प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। यहां से जिले की सीतामऊ, गरोठ, भानपुरा, शामगढ़, सुवासरा तहसील मुख्यालय तक रास्ता जाता है। ऐसे में इन तहसीलों के साथ करीब ५५० गांव भी शामिल है। इस तरह प्रतिदिन १५ हजार से अधिक लोग इसके कारण प्रभावित हो रहे है। अब निर्माण पर उठ रहे सवालों के बीच भी जवाबदारों की इस पर चुप्पी नहीं टूट रही है।

रात में लोगों को होना पड़ रहा परेशान
ओवरब्रिज पर वर्तमान में जिस जगह पर मरम्मत का काम किया जा रहा है। वहां पर सामग्री रखी गई है। और यह मंदसौर से जावरा की तरफ जाने वाले लोगों के लिए उतार वाला हिस्सा है। ऐसे में वाहन की गति अधिक होती है और बीच में यहां सामग्री पड़ी हुई रहती है। इससे दिन में तो रात के समय अंधेरे में आने-जाने के दौरान लोगों को अधिक परेशान होना पड़ता है।

फेक्ट फाईल-
टी-आकार का बन रहा ब्रिज
५ अगस्त-२०१८ को सीएम ने रात २.३० ब्रिज से गुजरकर किया था शुभारंभ
ओवरब्रिज की लागत- करीब 38 करोड़
ब्रिज की लंबाई- करीब 1200 मीटर
ब्रिज की चौड़ाई- करीब 12 मीटर
रेलवे का काम- 60 मीटर हिस्से का
कब से चल रहा निर्माण- करीब 4 साल
फाटक की बंद- करीब ढाई साल
वर्तमान में आवाजाही – वैकल्पिक मार्ग के भरोसे
५०० से अधिक गांव, २५० से अधिक बसें, 3 हजार दुपहिया व २ हजार चारपहिया वाहन में प्रतिदिन 15 हजार लोग हो रहे प्रभावित
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