मंदसौर.
सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश के साथ स्नान- दान और पूजन का पर्व मकर संक्रांति इस बार सर्वार्थ सिद्धि
योग में मनाया जाएगा। इस बार स्नान-दान और पूजन के लिए पुण्यकाल सिर्फ 3 घंटे 53 मिनट रहेगा। इस बार मकर संक्रांति सर्वार्थ सिद्धि योग में रविवार को आने से इसका महत्व और बढ़ गया है। साथ ही शनिवार को रात 1.13 मिनट पर सर्वार्थसिद्धि योग लगेगा जो रविवार को सूर्योदय के समय रहने से दिवस पर्यंत माना जाएगा। इसके साथ ही
गुरु और
मंगल के तुला राशि में होने से परिजात योग भी बनेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व प्राय: प्रतिवर्ष 14 जनवरी को रहता है। इस दिन सूर्य अपनी कक्षाओं में परिवर्तन कर दक्षिणायन से उत्तरायन होकर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जिस राशि में सूर्य की कक्षा का परिवर्तन होता है, उसे संक्रमण या संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति पर तिथि का क्रम हर दो साल के अंतराल में बदलते रहने के संकेत मिलते हैं। 14 जनवरी को दोपहर 1.45 बजे सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश होगा। इस दिन सूर्य अस्त शाम 5.38 बजे होगा। इसके चलते श्रद्धालुओं को स्नान-दान के लिए पुण्यकाल 3 घंटे 53 मिनट की अवधि के लिए रहेगा।
दिन की बढ़ेगी अवधि, रात्रि की अवधि होगी कम
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर परिवर्तन माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन से ही दिन बढऩे लगता है और रात्रि की अवधि कम होती चली जाती है। सूर्य ऊर्जा का स्रोत है। इसके अधिक देर चमकने से प्राणी जगत में चेतना और उसकी कार्यशक्ति में वृद्धि हो जाती है, इसीलिए हमारी संस्कृति में मकर संक्रांति पर्व मनाने का विशेष महत्व है। यह पर्व मूल नक्षत्र और धनु राशि में लग रहा है। मूल नक्षत्र में धनु से मकर की सूर्य संक्रांति हो रही है। मिथिला पंचांग के अनुसार अक्षांश और रेखांश के आधार पर धनु से मकर राशि में सूर्य का प्रवेश रात्रि 7.27 मिनट पर हो रहा है। इस पंचांग में 14 जनवरी को ही दिन के 12.30 बजे के बाद पुण्यकाल माना गया है।
राशि परिवर्तन का असर
मेष – मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि और लाभ के अवसर मिलेंगे।
वृषभ- विवाद और मानसिक कष्ट की संभावना बनेगी।
मिथुन- कोर्ट-कचहरी के मसलों में कष्ट और धन का अपव्यय हो सकता है।
कर्क- दांपत्य संबंधों में विवाद और मान हानि की संभावना है।
सिंह- शत्रुओं पर विजय प्राप्ति और रोगों से निजात मिलेगी।
कन्या- उच्च अधिकारियों से तनाव मिलेगा, संभलकर यात्रा करने की आवश्यकता है।
तुला- जमीन- जायदाद संबंधी मामलों में सर्तकता रखने की आवश्यकता है।
वृश्चिक- तरक्की के अवसर और आय में वृद्धि की संभावना है।
धनु- धन हानि और सिर और आंखों में पीड़ा के योग है।
मकर- मान व सम्मान में कमी आएगी। लाभ के अवसर के लिए अधिक प्रयास करने पड़ेंगे।
मीन- धन, पदोन्नति और मान-सम्मान के अवसर मिलेंगे।
ऐसा होगा पर्व का स्वरूप
वाहन भैसा
उपवाहन ऊंट
वस्त्र काले
पात्र खप्पर
भक्षण दही