आचार्य प्रतीकसागर व प्रमुख सागर महाराज का हुआ मिलन
आचार्य प्रतीकसागर व प्रमुख सागर महाराज का हुआ मिलन

मंदसौर.
शहर में शुक्रवार को आचार्य पुष्पदन्त सागर के शिष्य आचार्य प्रतीक सागर व आचार्य प्रमुख सागर का १० सालों बाद मिलन हुआ। इस आत्मीय मिलन के साक्षी बड़ी संख्या में यहां मौजूद समाजजन रहे। दोनों आचार्य के मिलन के दौरान वहां मौजूद श्रद्धालु भी भावभिभोर हो गए। मिलन के दौरान गुंजते जयकारों के बीच आत्मीय मिलन के अवसर पर दोनों आचार्य ने एक दूसरे के गले मिलकर गुरुभाई का परिचय दिया।
इस अवसर पर शान्तिनाथ जिनालय तार बंगला मंदिर में धर्मसभा में हुई। इसमें प्रवचन में आचार्य प्र्रतीक सागर ने कहा कि जीवन में आत्मीय संबंध महत्वपूर्ण होते हैं संत का संत से मिलन दिल से दिल का मिलन होता है। जो गुरु भाईयों का मिलन देखने वाले बड़े पूणयशाली होते हैं। हमारे बीच आज भी आत्मीयता है आपके अनुभव लूंगा हम दोनों का मिलन दस साल के बाद हो रहा है। इस दौरान आचार्य प्रमुख सागर ने कहा कि एक और एक दो नहीं ग्यारह है। आज मंदसौर का तार बंगला इलाहाबाद का संगम हो गया है। जो संत मिलना जानते हैं वे समाज को जोड़ते हैं जो संत को संत से जोड़ते हैं वे बड़े पूणयशाली होते हैं।
प्रतीकसागर के प्रवेश पर की अगवानी
आचार्य प्रतीक सागर का शुक्रवार को नगर में प्रवेश हुआ। आचार्य के प्रवेश पर उनकी अगवानी की गई। आचार्य की समाजजनों ने बैंड-बाजों के साथ अगवानी की। आचार्य प्रमुख सागरजी के मार्गदर्शन में मंदसौर में तार बंगला मंदिर में सिद्धचक्र मंडल विधान की पूजा चल रही है। आचार्य प्रतीक सागर के मंगल प्रवेश पर आचार्य प्रमुख सागर गांधी चौराहे तक अगवानी करने गए। जहा दोनो आचार्यो का आत्मीय मिलन हुआ। विनोद गांधी के संस्थान पर दोनो आचार्यो का पाद प्रक्षालन किया गया। यहां से जुलूस तार बंगला मंदिर पहुंचा। जहां जुलूस धर्मसभा में बदल गया। संचालन अनिल जैन ने किया।
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