किसान संघ के बैनर तले सीएम के नाम सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि अतिवृष्टि के कारण जिले के किसानों की समस्य फसलें जलमग्न हो गई है। और इसके कारण फसल नष्ट हो गई है। बारिश के कारण ८० प्रतिशत फसलें खराब हो गई। अब किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पीला मौजक की बीमारी से भी फसल प्रभावित हो रही है। फसलों की ऐसी स्थिति बन गई है जिससे किसानों की मशीनों का भाड़ा और फसल की लागत भी नहीं निकल पाएगी। उन्होंने पुन:अनावरी कराए जाने की मांग की है। साथ ही २ लाख तक के कर्जमाफी की घोषणा के बाद भी अब तक कर्ज किसानों का माफ नहीं हुआ।
इसे किसानों ने धोखा बताया। १० दिन में कर्जमाफी की घोषणा करने के बाद ८ माह बीत गए लेकिन अब तक कर्जमाफी नहीं किया गया। इससे अनेक किसान फसल बीमा से वंचित रह गए और अब फसल खराब हो गए। जिससे उन्हें फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिलेगा। इसके लिए सरकार की जिम्मेदार है। कर्जमाफी में हो रही देरी के बाद किसानों पर ब्याज थोपा जा रहा है। इसे भी उन्होंने अनुचित बताया है।
२ लाख से अधिक वाले किसानों का कर्ज माफ नहीं होने की बात भी इसमें कही गई है। जिससे किसान बैंकों से लेकर सोसायटियों में लेन-देन नहीं कर पाया है। उन्होंने किसानों के लिए बनी इस संकट की घड़ी में शासन से सहयोग देने की मांग की है। इस दौरान जिला संयोजक रमेशचंद्र जाट, जिला मंत्री राधेश्याम ठन्ना, राधेश्याम पाटीदार, बद्रीालाल, रामचंद्र, मुकेश जाट के साथ ही अन्य मौजूद थे।