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नीलामी पर्ची में गड़बड़ी को लेकर व्यापारियों ने की दोपहर तक मंडी में नीलामी बंद

locationमंदसौरPublished: Jan 12, 2018 09:37:58 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

नीलामी पर्ची में गड़बड़ी को लेकर व्यापारियों ने की दोपहर तक मंडी में नीलामी बंद – शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे अधिकारी एमएन१३३२- रजिस्टर की जांच कर

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मंदसौर.
पिपलियामंडी की कृ़षि उपज मंडी में निलामी पर्ची में कथित फर्जीवाड़ा होने को लेकर मंडी व्यापारियों ने शुक्रवार को दोपहर २ बजे तक उपज की नीलामी बंद रखी। बाद में कांगे्रस नेता की शिकायत पर प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल मंडी में जांच करने पहुंचा। यहां उन्होंने नीलामी रसीद कट्टों की जांच की। यहां तीन रसीद कट्टों की इंट्री रजिस्टर में नहीं मिली। यहां व्यापारियों को पूरे मामले की जांच का आश्वासन अधिकारियों ने दिया। दोपहर दो बजे बाद मंडी व्यापारियों ने उपज की निलामी शुरु की।
जानकारी के अनुसार मंडी व्यापारी बंशीलाल पिता रतनलाल पोरवाल ने गुरुवार को 81 लहसुन के ढेर खरीदे थे। लेकिन भुगतान पर्ची 82 ढेर की आई। व्यापारी ने जब मिलान किया तो पाया कि 11 क्ंिवटल की 7458 रुपए की पर्ची ललित करोद के नाम की ज्यादा थी। जिसका भुगतान भी वह कर चुका था। शाम को पता चलने के बाद व्यापारियों ने सुबह नीलामी शुरु ही नहीं की। साढ़े नौ बजे से दोपहर 1 बजे कृषि उपज मंडी कार्यालय में व्यापारी डटे रहे, नीलामी नहीं होने से बड़ी संख्या में किसान भी एकत्रित हो गए। किसानों का कहना था मंडी प्रशासन व व्यापारियों के कारण हमें बे-वजह परेशान होना पड़ रहा है। विवाद के दौरान मंडी सचिव राजेन्द्र कन्नोजिया व अध्यक्ष सुरेश रुपरा नहीं थे। इस बीच कांग्रेस नेता अनिल शर्मा ने मौके पहुंच कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को मामले की जानकारी दी। कलेक्टर के निर्देश पर उप संचालक एसएस राठौर, मंदसौर मंडी सचिव ओपी शर्मा, नायब तहसीलदार संतोष घाटिया, कस्बा पटवारी दिग्विजयसिंह, पूनमचंद जैन आदि मंडी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान मंडी अध्यक्ष सुरेश रुपरा भी मंडी कार्यालय पहुंच गए। मंडी व्यापारी मोहनलाल गुप्ता, रुपचंद होतवानी, कैलाश गुप्ता, अनिल मुजावदिया, सुनील घाटिया, सीताराम अग्रवाल के साथ ही हम्माल तुलैया संघ प्रतिनिधि रमेश शर्मा की उपस्थिति में मंडी व प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जांच कराई जाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। समझाइश के बाद दोपहर 2 बजे मंडी नीलामी चालू हो पाई।
रजिस्टर में नहीं मिली 3 रसीद कट्टों की इंट्री
प्रारंभिक तौर पर जब अधिकारियों ने रसीद कट्टों की इंट्री का रजिस्टर मंगवाया तो 2 कट्टों की इंट्री नहीं थी। वहीं वर्तमान में जिस पर्ची से व्यापारियों को चपत लगाई गई, उस सीरियल का कट्टा भी नहीं था। एक रसीद कट्टे में 100 पर्ची आती है, इस तरह करीब 300 पर्चियों पर राशि निकालना तो सामने आई है, लेकिन यह कितने लंबे समय से चल रहा था और व्यापारियों को फर्जी पर्ची थमाकर कितनी राशि की धोखाधड़ी हुई यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
अधिकारियों ने कहा व्यापारी व तुलावटी भी दोषी
कलेक्टर के निर्देश पर जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने कहा कि व्यापारी व तुलावटी भी इसमें दोषी है। नियमानुसार तुलावटी द्वारा दी जाने वाली पर्ची जाने के बाद ही व्यापारियों को भुगतान करना चाहिए, लेकिन सीधे पर्ची के आधार पर अगर भुगतान हो रहा है, तो व्यापारी व तुलावटी भी दोषी है। वैसे रसीद कट्टे में तीन परत में पर्ची बनती है, जिसमें एक किसान, दूसरी व्यापारी व तीसरी मंडी कार्यालय के पास रहती है। उसके बावजूद सीधे रसीद कट्टे मंडी रजिस्टर में दर्ज किए बगैर ही पर्चियां देकर व्यापारियों से फर्जी रुप से भुगतान लिया जा रहा है।
यह कट्टे मिले गायब
20 मार्च 2017 में जारी किए गए रसीद कट्टों में सीरियल नंबर 3483 के नंबर के रसीद कट्टे के बाद सीधे 3485 का रसीद कट्टा जारी होना दर्शाया। इसी तरह 23 मार्च 2017 को रसीद पर्ची नंबर 3504 के बाद सीधे 3506 का कट्टा जारी किया, इसमें 3505 वाले कट्टे इंन्द्राज नहीं है। साथ ही व्यापारी बंशीलाल पोरवाल से 7458 रुपए पर्ची का भुगतान जिस कट्टे की पर्ची से फर्जी रुप से लिया है, वह रसीद कट्टा नम्बर 5050 भी रजिस्टर में इन्द्राज नहीं है। यह तो हाल ही में गायब हुए रसीद कट्टों की जानकारी है, इससे पहले के रजिस्टर चेक नहीं किए है।
मुझे जानकारी नहीं, भोपाल हंू पेशी पर
मंडी सचिव राजेन्द्र कन्नौजिया से जब मामले को लेकर जानकारी चाही तो उनका कहना था मुझे मामले की जानकारी नहीं है, क्या हुआ। भोपाल एमडी साहब ने पेशी पर बुलाया था, यहां हंू।
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