पर्याप्त खाद के दावे के बीच कतार में केंद्रों पर खड़े किसान
जिले में खाद की किल्लत दूर नहीं हो रही है। सोसायटियों व खाद वितरण केंद्रों पर खाद के लिए किसानों की लंबी कतारे लग रही है। सुबह छह बजे से ही किसान सोसायटियों में नंबर लगा रहे है। खाद के लिए दिनभर भूखे-प्यासे कतार में लगे हुए है। इसके बावजूद पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा है। जबकि अधिकारी दावा करते रहे है कि जिले में पर्याप्त खाद है। ऐसे में किसानों की मांग के मुताबिक खाद नहीं मिलना इस दावे की पोल खोल रहा है। जिलेभर में खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लाइने लगी रही। खाद की कमी के बीच सर्वर की समस्या भी सामने आ रही है। किसानों का कहना है कि पर्याप्त खाद नहीं मिलने से पूरे खेत में फसल को यूरिया नहीं मिल रहा है। इसके चलते फसलें प्रभावित हो रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस साल जिले में दो लाख एक हजार हेक्टेयर पर रबी सीजन की फसलों की बोवनी हुई है। प्रति हेक्टेयर पांच कट्टे यूरिया की आवश्यकता होती है। विभाग के अनुसार जिले में अब तक 49 हजार 72 मैट्रिक टन यूरिया खाद आ चुका है। इसमें से 46 हजार 209 मैट्रिक टन यूरिया का वितरण हो गया है। अब जिले में कुल 2863 मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। जितना यूरिया खाद जिले में अब तक वितरित हो चुका है वह प्रति हेक्टेयर पांच कट्टे के मान से करीब 1.90 लाख हेक्टेयर खेत की आवश्यकता की पूर्ति कर चुका है। कई बार किसान आवश्यकता से अधिक यूरिया भी उपयोग करते है। 48 हजार मैट्रिक टन यूरिया वितरण के बाद भी मांग लगातार बनी हुई है।
नोट-खाद मैट्रिक टन में है। जानकारी कृषि विभाग के अनुसार है।
२२०० मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है
सभी केंद्रों पर यूरिया खाद क आपूर्ति हो रही है। वर्तमान में २२०० मैट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध है। हर दिन ४०० मैट्रिक टन खाद जिले में उठ रहा है। अभी सिंचाई के साथ यूरिया की जरुरत होने के कारण यूरिया की मांग अधिक है। दिसंबर माह में मांग कम होने के साथ स्थिति थोड़ी सामान्य होगी। -डॉ एके बड़ोनिया, उपसंचालक, कृषि